पपीते में कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व, प्रोटीन और विटामिन जैसे अनेक तत्व होते हैं, जो हमें कई तरह के रोगों से बचाते हैं। इसमें ‘कारपेन या कार्पेइन’ तत्व होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इसलिए बीपी के रोगी को पपीता रोजाना खाना चाहिए। पीलिया होने पर रोजाना पपीता खाएं। इससे पाचन शक्ति में भी सुधार होता है।
माहवारी में अनियमितता हो तो 250 ग्राम पका पपीता कम से कम एक माह तक रोजाना खाएं। अच्छे पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। ऐसा कम से कम एक माह तक करने से चेहरे की झुर्रियां दूर हो जाती हैं।
जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें रात को भोजन के बाद पपीता खाना चाहिए। पपीते में पेप्सिन नामक तत्व होता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है।
पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, मोटापे को नियंत्रित करता है और खट्टी डकारों की समस्या को ठीक करता है। कच्चे पपीते की सब्जी भी बनाकर खा सकते हैं।