एेसे करें कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल

कोलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद एक पदार्थ है जो हमारे रक्त और कोशिकाओं में मौजूद होता है।

<p>कोलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद एक पदार्थ है जो हमारे रक्त और कोशिकाओं में मौजूद होता है।</p>

शरीर में कोशिकाओं के कार्यकलाप और उनकी मरम्मत, एस्ट्रोजन व टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल काफी जरूरी होता है। इसकी अधिकता से हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन खानपान के तौर तरीकों में बदलाव और नियमित व्यायाम से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।

यह है कोलेस्ट्रॉल –
फिजिशियन अनुसार कोलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद एक पदार्थ है जो हमारे रक्त और कोशिकाओं में मौजूद होता है। यह शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होता है लेकिन इसकी अधिकता खतनाक हो सकती हैै। कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट सुबह के समय खाली पेट किया जाता है। तली-भुनी चीजें व जंकफूड ज्यादा खाने, व्यायाम ना करने और अनुवांशिकीय कारणों की वजह से कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल (मिलिग्राम पर्सेंट)
सामान्य : 130-250
आदर्श : 200 से कम
एचडीएल : 45 से ज्यादा
एलडीएल : 130 से कम

तीन प्रकार का होता है
यह तीन प्रकार का होता है। एचडीएल, एलडीएल और वीएलडीएल।
एचडीएल : यह बढ़िया कोलेेस्ट्रॉल होता है जो दिल की धमनियों में वसा को जमने नहीं देता।
एलडीएल व वीएलडीएल दोनों हृदय के लिए खराब होते हैं। इनमें एलडीएल दिल को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

व्यायाम से बनें फिट
चलते रहें : जितना पैदल चलेंगे, उतने ही फिट रहेंगे और इससे कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहेगा। रोजाना कम से कम 45 मिनट की वॉक जरूर करें।

कसरत से हो दिन की शुरुआत : अपनी लाइफ में रोजाना आधे घंटे की एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें। इससे न सिर्फ वजन कंट्रोल में रहेगा बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी खतरे के निशान तक नहीं पहुंचेगा। इसके लिए आप साइकिल चलाएं, स्वीमिंग करें या योग का सहारा भी ले सकते हैं।

खानपान : अपनी डाइट में हरी सब्जियां जैसे पालक, मटर, हरा प्याज आदि शामिल करें। फाइबर फूड जैसे पत्तागोभी, मशरूम और सूखे मेवे अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते हैं। मौसमी फल जरूर खाएं। सलाद को भी आहार का हिस्सा जरूर बनाएं।

ध्यान रहे : दिल की सेहत के लिए महीनों, सालों तक सिर्फ एक ही प्रकार के कुकिंग ऑयल में खाना बनाने की बजाय अलग-अलग तेल का प्रयोग करें। इसके लिए सरसों या अलसी का तेल और गाय के घी का प्रयोग किया जा सकता है।

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