अभी लगते हैं छह सप्ताह
रिसर्च टीम की हैड और सीडीआरआई के एंडोक्राइन विभाग की सीनियर साइंटिस्ट डॉ. रितु त्रिवेदी ने बताया, शीशम की पत्तियों में ‘कैवीयूनिन’ नामक मॉलिक्यूल की पहचान पहली बार की गई है। यह हड्डियों को मजबूती देता है। अभी हड्डियों को जुडऩे में छह सप्ताह लगते हैं। लेकिन इस मॉलिक्यूल से बनी दवा से हड्डियों को जुडऩे में इससे भी कम समय लगेगा। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
रिसर्च टीम की हैड और सीडीआरआई के एंडोक्राइन विभाग की सीनियर साइंटिस्ट डॉ. रितु त्रिवेदी ने बताया, शीशम की पत्तियों में ‘कैवीयूनिन’ नामक मॉलिक्यूल की पहचान पहली बार की गई है। यह हड्डियों को मजबूती देता है। अभी हड्डियों को जुडऩे में छह सप्ताह लगते हैं। लेकिन इस मॉलिक्यूल से बनी दवा से हड्डियों को जुडऩे में इससे भी कम समय लगेगा। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
मजबूत हड्डियां चाहिए तो ये खाएं
दूध और दूध से बने उत्पादों के अलावा हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है। इनमें ब्रोकली, पालक, सोयाबीन, मेंथी का साग, फूल गोभी, गाजर भिंडी, प्याज पत्ता, शकरकंद आदि हैं।
मेवा, अमरूद, हरे सेब, नाशपाती, अन्ननास, स्ट्रॉबेरी, खजूर, बादाम, अंजीर आदि।
गोंद, मेथी और हंसाडू के लड्डू व सहजन की सब्जी।
एलोवेरा का लड्डू व इसकी फली से बनी सब्जी-अचार।
दूध और दूध से बने उत्पादों के अलावा हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है। इनमें ब्रोकली, पालक, सोयाबीन, मेंथी का साग, फूल गोभी, गाजर भिंडी, प्याज पत्ता, शकरकंद आदि हैं।
मेवा, अमरूद, हरे सेब, नाशपाती, अन्ननास, स्ट्रॉबेरी, खजूर, बादाम, अंजीर आदि।
गोंद, मेथी और हंसाडू के लड्डू व सहजन की सब्जी।
एलोवेरा का लड्डू व इसकी फली से बनी सब्जी-अचार।
पत्तियां खाने से लाभ शीशम की पत्तियां भी खाई जा सकती हैं या इनका पेस्ट हड्डियों पर लगा सकते हैं। गुजरात की एक दवा कंपनी इस पर दवा भी बना रही है। जल्द ही यह दवा मार्केट में उपलब्ध होगी।
10 मिनट धूप लाभकारी रोजाना सुबह की १० मिनट की धूप लाभकारी होती है। इससे विटामिन-डी का स्तर बढ़ता है। विटामिन-डी भोजन से मिले कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है।
यहां भी है समाधान : ये पद्धतियां भी हड्डियों के इलाज में हैं कारगर होम्योपैथी कैल्केरियाफॉस से मजबूत होती हैं हड्डियां
कैल्केरियाफॉस और कैलकेरियाकार्ब दवा शरीर में हड्डियों को मजबूती देने वाले सेल कैल्सम बढ़ाते हैं। टूटी हड्डियों को जोडऩे के लिए सिम्फाइटम और कैलकेरियाफॉस जैसी दवा दी जाती है। ये दवाएं मरीज डॉक्टरी सलाह से ही ले सकते हैं। दवाएं लेने में गैप न लें।
कैल्केरियाफॉस और कैलकेरियाकार्ब दवा शरीर में हड्डियों को मजबूती देने वाले सेल कैल्सम बढ़ाते हैं। टूटी हड्डियों को जोडऩे के लिए सिम्फाइटम और कैलकेरियाफॉस जैसी दवा दी जाती है। ये दवाएं मरीज डॉक्टरी सलाह से ही ले सकते हैं। दवाएं लेने में गैप न लें।
यूनानी चूना पानी, मोमयायी की भस्म कारगर
टूटी हड्डियां अपने आप जुड़ती हैं। कैल्शियम केवल सपोर्ट करता है। इसके लिए चूना पानी, मोमयायी (एक विशेष प्रकार का पत्थर) का भस्म और वंशलोचन का चूर्ण दिया जाता है। खाने में दूध, दही, पनीर व हरी सब्जियों पर जोर देते हैं।
आयुर्वेद हडज़ोड़, शंख व शीप भस्म है अचूक हड्डियों को जोडऩे या मजबूती के लिए कैल्शियम और गोंद की आवश्यकता होती है। इसमें कैल्शियम से भरपूर हडज़ोड़ का चूर्ण, प्रवल पिस्टी, मुक्ता पिस्टी (शंख), मुक्ता सुक्ति (शीप) भस्म दी जाती है। शंख व शीप के आवरण में सेलकॉल होता है। गोंद के लिए लाख व गुग्गल से बनी लक्षादि गुग्गल दवा दी जाती है।
&शीशम की पत्तियां हड्डियों को जोडऩे के साथ-साथ एंटी एलर्जिक भी होती हैं। इसको खाना लाभदायक होता है।