पर्यटकों को लुभाने लगा मृगेंद्रनाथ का वाटरफाल
हैदरगढ़. जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर तथा हैदरगढ़ से मात्र 3 किलोमीटर दूर स्थित मृगेंद्रनाथ धाम की करीब 250 फीट उऊंची पहाड़ी से गिरने वाला प्राकृतिक झरना इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पहाड़ी के ऊपर से पत्थरों से टकराते और बाधाओं को पार करते हुए जब पानी तेजी से नीचे गिरता है तो आकर्षक झरने का रूप दिखाई देता है। आसपास जंगल, खेत आदि होने से बारिश के इन दिनों में हरियाली भी खूब है, इससे यहां का दृश्य काफी मनोरम होता है। यही कारण है कि विदिशा-बासौदा, सागर सहित यहां रायसेन और भोपाल के भी पर्यटक आते हैं। झरने के नीचे प्राकृतिक कुण्ड भी बने हुए हैं, जो अधिक गहरे नहीं होने के कारण अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं। लेकिन कई बार पर्यटक फोटो खिंचवाने के लिए ऊपर चट्टानों पर चढऩे का भी प्रयास करते हैं, जो बारिश में खतरनाक हो सकता है। आसपास के क्षेत्र में बंदरों का जमावड़ा भी खूब है, जो चौतरफा फैली हरियाली, पहाड़ी और पेड़ों पर धमाचौकड़ी मचाते रहते हैं, पर्यटकों और खासकर बच्चों को इनकी हरकतें खूब भाती हैं। पहाड़ी पर देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजित हैं। हनुमान जी का चट्टान में ही प्राचीन प्रतिमा है, गुफा में शिव-पार्वती भी विराजे हैं, महंत का यहां आश्रम भी है। पास ही तालाब भी है, जो बारिश के दिनों में पानी से लबालब होने के कारण खूब आनंदित करता है। लेकिन ऐसे स्थान पर कोई सुरक्षा के इंतजामों की कमी अखरती है। बारिश में पर्यटकों की अधिक संख्या की आवाजाही के बावजूद यहां रोकने-टोकने को कोई भी तैनात नहीं दिखता, न ही कोई सुरक्षा इंतजाम हैं।