स्कूल गेट पर गांव की नाली की निकासी से विद्यार्थी परेशान

ये है स्कूल गेट का हाल, कहां से निकलें विद्यार्थी

<p>स्कूल गेट पर गांव की नाली की निकासी से विद्यार्थी परेशान</p>
विदिशा. तमाम संकटों के बावजूद बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया, दूसरी तरफ कलेक्टर ने हर शिक्षण संस्थान के परिसर को सुविधायुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन शासकीय हायरसेकंडरी स्कूल कुआंखेड़ी में आसपास के कई ग्रामों से आने वाले छात्र-छात्राओं का स्कूल पहुंचना दूभर हो रहा है। यहां सरपंच और सचिव की लापरवाही से गांव की नाली का निर्माण अधूरा छोडकऱ पूरे गांव के गंदे पानी की निकासी स्कूल गेट पर ही कर दी है । इससे स्कूल आने-जाने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ को भारी परेशानी उठाना पड़ रही है।

यह हाल है जिला मुख्यालय से मात्र 12 किमी दूर स्थित कुआंखेड़ी हायरसेकंडरी स्कूल का। पिछले काफी समय से गांव में नाली निर्माण अधूरा छोडकऱ गंदे पानी की निकासी स्कूल परिसर में की जा रही है। इससे परिसर में गंदगी बनी रहती है, कई बार शिक्षकों और विद्यार्थियों को इसकी सफाई खुद भी करना पड़ी है, रोजाना गंदगी में से ही निकलकर आना जाना हो रहा है। इस बारे में सरपंच और सचिव से स्कूल प्रबंधन द्वारा कई बार कहा गया, लेकिन हमेशा टाल दिया जाता रहा है। लेकिन अब गेट पर ही गंदगी जमा होने से स्कूल पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है। प्राचार्य केसी अहरवाल का कहना है कि हमने कई बार सरपंच से कहा है लेकिन अनसुना कर दिया जाता है। ऐसे में बच्चों का स्कूल आना संभव नहीं हो पा रहा है और जो आते हैं वे कीचड़ और गांव भर की गंदगी से सने हुए स्कूल आते हैं। यह स्थिति कतई ठीक नहीं है। अधूरी नाली का निर्माण पूराकर स्कूल को इस गंदगी से बचाना जरूरी है, जिससे विद्यार्थी परेशान न हों और स्कूल परिसर भी साफ बना रहे।
वर्जन…
गांव के गंदे पानी की निकासी स्कूल परिसर में करने से बच्चों का स्कूल आना भी मुश्किल हो गया है। सरपंच से कई बार कहा जा चुका है। लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है।
-केसी अहरवाल, प्राचार्य, शाउमावि कुआंखेड़ी
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