्रपत्रिका से चर्चा करते हुए श्वेता ने बताया कि वे दो वर्ष पहले पश्चिमो तानासन के लिए डेढ़ घंटे प्रदर्शन कर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं, इसी से हौंसला बढ़ा और अब कूर्मासन के लिए यह प्रदर्शन करना है। श्वेता बताती हैं कि कूर्मासन के लिए एसएटीआइ के सभागार में 1 अगस्त को दोपहर 1.30 बजे प्रदर्शन करेंगी। अभी तक इस कठिन योगासन को सबसे लंबे समय तक करने का रिकार्ड 10 मिनट तक का है, जो चीन में बनाया गया था और भारत की ही कोनथला ज्योति के नाम ये रिकार्ड है। यह रिकार्ड 9 मई 2021 को ही बनाया गया है। श्वेता को पूरी उम्मीद है कि वे इस रिकार्ड को तोडकऱ नया रिकार्ड बनाएंगी। यूं तो 11 मिनट में भी यह रिकार्ड बन सकता है, लेकिन श्वेता कहती हैं कि वे इसके लिए 30-40 मिनट तक प्रदर्शन करना चाहती हैं।
श्वेता बताती हैं कि वे शुरू से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हैं और कुछ नया करने का शौक भी उनको रहता है। पहले वे केवल पैदल चलतीं थीं, लेकिन बाद में जबलपुर में योगाचार्य अवनीश तिवारी के संपर्क में आते ही योग से जुड़ गईं। पूरा शरीर अपेक्षाकृत अधिक लचीला होने के कारण उन्हें काफी जल्दी और अच्छी योग में महारथ हासिल हो गई। वे निशुल्क योग कक्षाएं चलाने लगीं। श्वेता कहती हैं कि मैने एमबीए भी किया है, अच्छा जॉब भी आसानी से मिल रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि मैं स्वास्थ्य और संतुलित खान पान के प्रति लोगों को जागरुक करूं, इसीलिए योग को ही चुना है। रिकार्ड बनाने का इरादा अपना शौक पूरा करने के साथ ही आत्मविश्वास में बढ़ौतरी और पूरी दुनियां में भारत का नाम योग में फिर स्थापित करना भी है। वे अपने रिकार्ड के प्रति पूरी तरह आश्वस्त और उत्साहित हैं।