न्याय मांगने थाने को घेरा, पांच दिन में भी नहीं हुई एफआइआर

आशीष सुहाने आत्महत्या मामला

<p>न्याय मांगने थाने को घेरा, पांच दिन में भी नहीं हुई एफआइआर</p>
विदिशा. नगर के आशीष सुहाने का 14 अक्टूबर को रेलवे ट्रेक पर शव मिलने और उससे पहले आशीष द्वारा चार पेज के सुसाइड नोट लिखने और वीडियो रिकार्डिंग में चार लोगों द्वारा प्रताडि़त किए जाने का जिक्र किया था। इसके बाद से आशीष के परिजन लगातार आरोपियों के खिलाफ एफआइआर कराने की कोशिश कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन जीआरपी द्वारा आना कानी करते हुए एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही। इससे गुस्साए आशीष के परिजन सोमवार को दोपहर रेलवे स्टेशन पहुंचे और जीआरपी थाना प्रभारी कक्ष में खूब बहस की। वे लगातार यही बात कह रहे थे कि-सारे साक्ष्य हम खुद उपलब्ध करा रहे हैं, इसके बाद भी एफआइआर क्यों नहीं की जा रही। इस दौरान आशीष के परिजनों की पुलिसकर्मियों से तीखी बहस हुई। यही नौबत किसानों का आंदोलन रोकने आए पुलिसकर्मियों के साथ ही बनी, यहां भी आशीष के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस को कटघरे में खड़ा किया।

आशीष के परिजनों का आरोप था कि सारे सबूत देने के बाद भी पुलिस एफआइआर तक नहीं कर रही है। वह एक-एक कर रोज बयान लेकर समय बिता रही है, पांच दिन हो गए, लेकिन एफआइआर तक नहीं हो पाई। इस पर कोतवाली पुुलिस का कहना था कि यह मामला जीआरपी का है, यदि थाने वाले नहीं सुन रहे हैं तो वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाएं। यहां से वापस होकर जब आशीष के परिजन जीआरपी थाने पहुंचे तो वहां हंगामा हो गया। एफआइआर दर्ज कराने के लिए बार-बार कहा गया, इस पर थाना प्रभारी ने बैठकर अपनी बात बताने को कहा। काफी देर तक यही चलता रहा, इस दौरान मृतक के पिता, बच्चे, भाई, भतीजी, भांजे आदि न्याय की गुहार लगाते रहे। बाद में मृतक के भांजे अनमोल गुप्ता ने बताया कि काफी देर तक माथापच्ची के बाद भी एफआइआर दर्ज न कर जीआरपी एसपी का हवाला दिया गया। इस पर हमने भोपाल में रह रहे अपने परिजनों को जीआरपी एसपी के पास भेजा है। जबकि शेष परिजन विदिशा जीआरपी थाने में ही मौजूद हैं।


पूरा प्रतिवेदन बनाकर एसपी रेल को भेजा जा रहा है। वहां से जो निर्देश आएंगे उसी अनुसार कार्य करेंगे। नेटवर्क प्राब्लम के कारण दिक्कत आ रही है।
-सुरेश हातेकर, थाना प्रभारी जीआरपी विदिशा
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