‘कोरोना दूतों’ को पकड़कर पहुंचाया जेल
सोमवार को पुलिस ने नीमताल पर टेंट लगाकर मैं हूं कोरोना दूत कैंप किया। कैंप से पुलिस ने लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का पाठ तो पढ़ाया ही साथ ही बिना मास्क के घूमने वालों को सबक सिखाने के लिए एक नवाचार किया।
जो भी लोग बिना मास्क के घूमते हुए नजर आए उन्हें पकड़कर पुलिस ने उनके हाथों पर मैं हूं कोरोना दूत की सील लगाई और कैंप में लगे कोरोना दूत के पोस्टर के साथ उनकी तस्वीर खींची। इतना ही नहीं बिना मास्क लगाकर घूमने वाले लोगों के हाथों पर सील लगाने के बाद उन्हें ओपन जेल भेजा गया जहां उनसे कोरोना से सुरक्षित रहने के उपायों पर निबंध भी लिखवाए गए।
पुलिस का ये भी कहना है कि ऐसे लोग जिनके चालान बने हैं और जिनके हाथों पर कोरोना दूत की सील लगाई गई है अघर वो बिना मास्क के फिर से शहर में पकड़ाते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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चर्चाओं का विषय बना ये मास्क है प्याज नहीं का पोस्टर
इतना ही नहीं प्रशासन ने लोगों को जागरुक करने के लिए जगह जगह पर कुछ पोस्टर भी लगवाए हैं जिनमें लिखा हुआ है कि ये मास्क है प्याज नहीं, इसे जेब में न रखें चेहरे पर लगाएं। बता दें कि गर्मी के दिनों में लू से बचने के लिए कई लोग जेब में प्याज रखकर घूमते हैं और इसी तरह मास्क को लगाने की जगह लापरवाही बरतते हुए अपनी जेबों में रख लेते हैं। ऐसे ही लोगों को मास्क की उपयोगिता समझाने के लिए ये पोस्टर लगाए गए हैं जो कि चर्चाओं का विषय बने हुए हैं।
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कलेक्टर-एसपी ने संभाला मोर्चा
दरअसल विदशा जिले में लगातार सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों को देखते हुए कलेक्टर डॉ. पंकज जैन और एसपी विनायक वर्मा रोज नए नवाचार कर लोगों को कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर आगाह कर रहे हैं और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। एक तरफ एसपी खुद माइक लेकर बस्तियों में जाकर लोगों को सतर्क रहने के बारे में बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कलेक्टर भी रात में चौक चौराहों पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
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