पीएचइ की दरियादिली से डेंगू मच्छरों को अभयदान

पीएचई के परिसर में खूब जलभराव, मच्छरों का डेरा

<p>पीएचइ की दरियादिली से डेंगू मच्छरों को अभयदान</p>
विदिशा. लोक स्वास्थ्य का तमगा लेकर काम करने वाले पीएचइ की दरियादिली ही जहां शहर में डेंगू मच्छरों को अभयदान दे रही है, वहीं शहर के लिए यह भारी संकट साबित हो रही है। करैयाखेड़ा रोड स्थित पीएचइ का मैकेनिकल सब डिवीजन कार्यालय परिसर डेंगू मच्छरों की आरामगाह बना हुआ है। यहां कमरों, तलघरों, परिसर, टीन के टुकड़ों और पचासों टायरों में भरे पानी में मच्छरों की आबादी खूब पनप रही है। मलेरिया विभाग की टीम जब इस परिसर में पड़ताल करने गई तो यह हकीकत सामने आई। आश्चर्य है कि लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन यंत्री और यहां बैठने वाली अनुविभागीय अधिकारी को लोक स्वास्थ्य से ये खिलवाड़ नजर नहीं आया। आम लोगों को प्रशासन खूब सीख दे रहा है, जबकि उनके ही जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही शहर को संकट में झौंक रही है।
हालात देखकर सर्वे टीम के होश उड़े
करैयाखेड़ा रोड पर पिछले काफी समय से डेंगू के मरीज मिल रहे थे। यहां लगातार सर्वे भी चल रहा थ। मंगलवार को मलेरिया विभाग की टीम यहां सर्वे के दौरान पीएचइ के मैकेनिकल सब डिवीजन परिसर में जा पहुंची। यहां पहुंचकर जो हाल देखे उससे मलेरिया टीम के होश उड़ गए। यहां टायरों का अंबार खुले में पड़ा था, जिसमें पानी ही नहीं भरा था, बल्कि डेंगू मच्छरों का डेरा भी खूब था। परिसर के तलघर में भी घुटने घुटने पानी था और उसमें मच्छरों का अंबार। इसी के ऊपरी भवन में एसडीओ सहित पूरा स्टॉफ बैठता है। कमरों में भी पानी भरा हुआ था, परिसर में जगह-जगह पानी और मच्छरों की आरामगाह थी। मलेरिया विभाग की टीम ने इस स्थिति को देख अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया और यहां दवाओं का छिडक़ाव किया।
पीएचइ परिसर ही मुख्य स्त्रोत-मलेरिया अधिकारी
यहां पहुंचे जिला मलेरिया अधिकारी बीएम वरुण ने पीएचइ परिसर देखकर बेहद चिंता जताई और वहां की एसडीओ से इस बारे में कहा। वरुण के अनुसार एसडीओ ने टायरों को हटाने में असमर्थता जताई है, इस पर उन्हें सुरक्षित रखने को कहा। वहीं तलघर में पानी भरने पर भी मलेरिया अधिकारी ने चिंता जताई, लेकिन कोई वहां स्थाई हल दिखा नहीं। वरुण ने बताया कि पीएचइ के कार्यपालन यंत्री को भी फोन लगाकर स्थिति बताना चाही थी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मलेरिया अधिकारी ने स्वीकार किया है कि करैयाखेड़ा चूंकि हॉट स्पॉट बना हुआ है और यह तय है कि पीएचइ का यह परिसर में उसमें मुख्य स्त्रोत है। यहां की स्थिति भीषण है।
जिले में 590 परिसरों में मिला लार्वा
जिले में सर्वे के दौरान अब तक जो हालात सामने आए हैं वे भयावह हैं। 590 घरों, संस्थानों में डेंगू मच्छर के लार्वा मिले हैं, जबकि जिले में अब तक 181 डेंगू के मरीज पाए जा चुके हैं। लेकिन यह पूरा सच नहीं है, ये केवल सरकारी आंकड़े हैं, प्रायवेट अस्पतालों और पैथोलॉजी का आंकड़ा मिलाकर और भयावह स्थिति सामने आ सकती है।
वर्जन….
करैयाखेड़ा हमारे लिए डेंगू का हॉट स्पॉट बना हुआ है। यहां के पीएचइ कार्यालय की स्थिति बेहद खतरनाक है। पूरे परिसर में टायर, तलघर और कमरों में पानी भरा था, जिसमें डेंगू मच्छर और लार्वा थे। वहां हमने दवा छिडक़ाव किया है, लेकिन यह स्थाई हल नहीं है। विभाग के अधिकारियों को ध्यान देना होगा।
-बीएम वरुण, जिला मलेरिया अधिकारी, विदिशा
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.