विदिशा

अर्थी को नदी में से निकालकर ले जाते हैं लोग

नदी में बाढ़ होती है तो गांव में ही अंतिम संस्कार करना होता है

विदिशाJul 24, 2021 / 10:05 pm

govind saxena

अर्थी को नदी में से निकालकर ले जाते हैं लोग

कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो वर्षों तक नहीं भरते। ऐसा ही एक जख्म है विदिशा से 16 किमी दूर बसे करारिया गांव का। जिले में तमाम विकास के दावे हैं लेकिन यहां नदी पर एक छोटा सा पुल नहीं बन पा रहा है, जिससे हर मौसम में लोगों को गांव में किसी की भी मौत पर अर्थी को नदी के पानी में से निकालकर मुक्तिधाम या कब्रिस्तान ले जाना पड़ता है। शनिवार को फिर ऐसे ही हालात दिखे। करारिया में एक व्यक्ति की मौत के बाद उसे ग्राम के तमाम लोग जब दफनाने गए तो सभी को नदी के पानी में से होकर निकलना पड़ा, जनाजा भी नदी के पानी में से ही पार कराना पड़ा। ऐसे हाल में जब नदी में ज्यादा पानी होता है तो भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
करारिया के महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गांव में हमारे मित्र अब्बास मियां का इंतकाल हो गया, नदी में से निकलकर कब्रिस्तान ले जा रहे हैं। यही हाल हिन्दुओं के मुक्तिधाम का है, वहां जाने का रास्ता भी यही है। ऐसे में अर्थी को ले जाने में भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। नदी में बाढ़ होती है तो गांव में ही अंतिम संस्कार करना होता है। कब्रिस्तान और मुक्तिधाम तक जाने का रास्ता तो मुहैया करा दे प्रशासन। करारिया के सोहेल अहमद ने बताया कि करीब 450 लोगों की बस्ती है, लेकिन कब्रिस्तान और मुक्तिधाम के लिए हर मौसम में यहीं से निकलना पड़ता है। प्रशासन को कई बार बता चुके हैं लेकिन वर्षों बाद भी हालात नहीं बदले। ग्राम की सपना जादौन ने बताया कि प्रशासन से अपेक्षा है कि नदी पर पुल बनाया जाए जिससे ग्रामीणों को होने वाली भारी परेशानियों से राहत मिल सके।
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