सागर, भोपाल से बिकने आ रही धान, सडक़ों पर ट्रालियों का मेला

भारी आवक से मंडी परिसर खचाखच, रास्ते भी जाम

<p>सागर, भोपाल से बिकने आ रही धान, सडक़ों पर ट्रालियों का मेला</p>
विदिशा. इस बार जिला धान से धन्य होने लगा है। विदिशा में धान का रकबा तो दो गुने से भी ज्यादा बढ़ा ही है, लेकिन बाहर के जिलों से आने वाली धान ने इस बात को भी सिद्ध कर दिया है कि विदिशा में धान के अच्छे दाम, नकद भुगतान और अन्य व्यवस्थाएं अन्य जिलों से बेहतर हैं। यही कारण है कि विदिशा के साथ ही रायसेन, भोपाल और सागर तक के किसान यहां अपनी धान लेकर बेचने आ रहे हैं। धान लेकर आने वाले किसानों की रेलमपेल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नई मंडी में हो रही खरीद के बावजूद जब ट्रालियां व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर जाती हैं तो मिर्जापुर से लेकर पीतलमिल, पीतलमिल का ओवरब्रिज और ब्रिज से पुरानी मंडी तक के रास्ते पर ट्रालियों की सतत कतार रहती है। ऐसा ही नजारा शुक्रवार को दिखा।
मंडी से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को मंडी में धान की सबसे ज्यादा आवक सहित सभी जिंसों की 27 हजार क्विंटल आवक थी, जबकि शुक्रवार को यह 25 हजार से अधिक हो गई। इस तरह दो दिन में शान सहित अन्य जिंसों की करीब 52-53 हजार आवक विदिशा मंडी में हुई है। रात से ही किसान अपनी ट्रेक्टर ट्रालियां लेकर मंडी में डेरा डाल चुके थे। टीन शेड में ट्रालियों की कतार के बाद भी भारी रेलमपेल थी। शाम करीब 5 बजे तक नीलामी चली। भारी आवक के कारण मंडी में अब नई जगह चुनकर तुलाई के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इसके लिए एसडीएम जीएस वर्मा और सीएसपी विकास पांडेय ने मंडी सचिव के साथ मंडी का जायजा लिया और बैठक कर इस बारे में जल्दी ही निर्णय लेने का तय किया। अनाज तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी ने बताया कि आमतौर पर धान के खरीदार व्यापारी कम मिलते हैं। पहले विदिशा में भी कम थे, लेकिन अब 10-12 व्यापारी धान खरीद रहे हैं। उनसे फिर मिल मालिक धान खरीदते हैं। विदिशा मंडी में अच्छे और नकद दाम मिल जाने से भी किसानों का यहां अपनी उपज लाने के प्रति रुझान रहता है।

प्रशासन की लापरवाही ने अंडरब्रिज से रोकी आवाजाही

ऐसा नहीं कि नई मंडी से पुरानी मंडी तक पहुंचने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग न हो। अंडरब्रिज इसीलिए बनाया गया था ताकि नई मंडी से ट्रेक्टर ट्रालियां सीधे पुरानी मंडी पहुंच सकें। लेकिन उसकी डिजाइन और फिर प्रशासन द्वारा वहां के पहुंच मार्ग की ओर ध्यान न दिए जाने से इसमें अक्सर या तो पानी भरा रहता है और या फिर इसके बड़े गड्ढोंं के कारण आवाजाही भी संभव नहीं हो पाती। यही कारण है कि मुख्य मार्ग, चौराहों और ओवरब्रिज पर सैंकड़ों ट्रेक्टर ट्रालियों की कतार और जाम से शहर को जूझना पड़ता है।

807 से 2697 रुपए तक बिकी धान
विदिशा मंंडी में शुक्रवार को 16569 बोरे धान की आवक हुई, जबकि सभी जिंसों की मिलाकर 25 हजार 323 बोरे उपज आई। इसमें से धान के न्यूनतम भाव 805 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 2697 रुपए प्रति क्विंटल तक रहे।

कितना बढ़ा धान का रकबा
वर्ष रकबा
2020 22477
2021 56700
(रकबा हेक्टेयर में)


विदिशा मंडी में इस बार धान की भारी आवक है। अभी तो शुरुआत है। लेकिन रायसेन, भोपाल, बीना और सागर तक के लोग यहां धान लेकर आ रहे हैं। आधे से ज्यादा धान तो रायसेन से आ रही है।
-कमल बगवैंया, मंडी सचिव विदिशा

विदिशा में इस बार धान की अच्छी आवक शुरू हुई है। आसपास के जिलों के किसान भी यहां अपनी धान लेकर आ रहे हैं। संभवत: अच्छे दाम, नकद भुगतान और अपेक्षाकृत व्यापारी ज्यादा होने से किसान यहां आना पसंद करते हैं।
-राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन व्यापार संघ विदिशा
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