रेलवे स्टेशन पर लिक्विड सोप मशीन बनी डस्टविन
विदिशा रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म तो सफाई और पोंछे से चमचमा रहा था, लेकिन संक्रमण रोकने के लिए जिस लिक्विड सोप और पैरों से संचालित होने वाली हाथ धोने की मशीन को यहां रखकर अधिकारियों ने वाहवाही पाई थी, उसकी दोनों टंकियां पूरी तरह खाली पड़ी थीं, उनमें जाले लग रहे थे, हाथ धोने के सिंक में प्लेटफार्म का कचरा भरा हुआ था। यानी मशीन तो अब भी मौजूद है लेकिन स्टेशन के जिम्मेदार अधिकारी उसमें न तो लिक्विड सोप भरवा पा रहे हैं और न ही हाथ धोने के लिए पानी। हद तो ये है कि इस मशीन को डस्टविन बना दिया गया है। रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं होना भी आश्चर्य का विषय है, जबकि यह सबको जानकारी है कि इन दिनों रोजाना महाराष्ट्र से यात्री आकर वहां से संक्रमण लेकर आ रहे हैं और विदिशा जिले को बांट रहे हैं।
विदिशा रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म तो सफाई और पोंछे से चमचमा रहा था, लेकिन संक्रमण रोकने के लिए जिस लिक्विड सोप और पैरों से संचालित होने वाली हाथ धोने की मशीन को यहां रखकर अधिकारियों ने वाहवाही पाई थी, उसकी दोनों टंकियां पूरी तरह खाली पड़ी थीं, उनमें जाले लग रहे थे, हाथ धोने के सिंक में प्लेटफार्म का कचरा भरा हुआ था। यानी मशीन तो अब भी मौजूद है लेकिन स्टेशन के जिम्मेदार अधिकारी उसमें न तो लिक्विड सोप भरवा पा रहे हैं और न ही हाथ धोने के लिए पानी। हद तो ये है कि इस मशीन को डस्टविन बना दिया गया है। रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं होना भी आश्चर्य का विषय है, जबकि यह सबको जानकारी है कि इन दिनों रोजाना महाराष्ट्र से यात्री आकर वहां से संक्रमण लेकर आ रहे हैं और विदिशा जिले को बांट रहे हैं।