वाराणसी के होनहार क्रिकेटर यश का एक और धमाल, अब यूपी टीम में बनाई जगह

-रेलवे की टीम का कर चुका है प्रतिनिधित्व-बोले युवा क्रिकेटर के कोच बहुत दमखम है बच्चे में, जाएगा आगे-एमएस धौनी हैं इस युवा क्रिकेटर के आदर्श-2016 से लगातार बड़ी प्रतियोगिताओं में कर रहा है शानदार प्रदर्शन

<p>यशोवर्धऩ सिंह</p>
डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी
वाराणसी. इंडियन रेलवे की ओर से कूच बिहार और वीनू मांकड ट्राफी में धमाल मचाने के बाद बनारस के इस होनहाल ऑलराउंडर ने अब यूपी टीम में जगह बना ली है। शनिवार से शुरू होने वाली कूच बिहार ट्राफी में वह दिल्ली के खिलाफ इस चार दिवसयी मुकाबले में वह यूपी टीम का हिस्सा होगा।
बात कर रहे हैं वाराणसी के युवा क्रिकेटर यशोवर्धऩ सिंह की। यशोवर्धन का चयन अंडर 19 कूच बेहार ट्राफी के लिए यूपीसीए ने किया है। कोच मृत्युंजय त्रिपाठी ने पत्रिका को बताया कि यश काफी टैलेंटेड क्रिकेटर है। उसमें आगे जाने के सारे लक्षण है। मध्यक्रम का वह बेहतरीन बल्लेबाज है। साथ ही वह अच्छी ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेता है। अभी तक वह अंडर 19 में इंडियन रेलवे का प्रतिनिधित्व करता रहा, अबकी बार उसे यूपी टीम में जगह मिली है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह इस सीजन बेहतरीन परफार्म कर अंडर 19 इंडियन टीम के लिए दावा कर सकता है।
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बता दें कि सितंबर 2017 में यश ने कूच बिहार और वीनू मांकड़ ट्राफी के लिए इंडियन रेलवे की टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उसे बचपन से ही क्रिकेट का शौक रहा। अपने इस शौक को प्रोफेशन में बदलने की जिद ने उसे इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि आज हर काशीवासी को उस पर गर्व है। यश मध्यक्रम का दाहिने हाथ का बल्लेबाज तो है ही साथ में वह ऑफ स्पिन गेंदबाज भी है। 2016 में ऑल इंडिया टी-20 में उसने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी का शानदार प्रदर्शन कर टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर होने का गौरव अर्जित किया था।
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यश के पसंदीदा इंडियन क्रिकेटर हैं एमएस धौनी और यश उन्हीं की तरह मास्टर स्ट्रोक प्लेयर बनना चाहता है। वैसे भी मध्यक्रम का यह बल्लेबाज 2016 से ही अपने बल्ले का कमाल दिखा रहा है। यश ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए वह रोजाना सात घंटे मेहनत करता है। सुबह तीन घंटे की फिजिकल प्रैक्टिस होती है तो शाम को चार घंटे स्किल ट्रेनिंग। लेकिन अब अगला लक्ष्य अंडर 19 इंडिया टीम के लिए चुना जाना है। इसे लक्ष्य बना कर उसे हासिल करने के लिए वह जी जान से जुटा है।
यशोवर्धन वर्तमान में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र है। उसके पिता पिता मृत्युंजय सिंह डी रेका में क्वालिटी इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है जबकि मा कुसुम सिंह काशी विद्यापीठ में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत है। वह बीजेपी नेता पीयूष वर्धन सिंह का भाई है।
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