आपको बता दें कि गंगापुर इलाके का रहने वाला एक शख्स अपने घर के पास दुकान चलाता था। वह सुगर और हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी से काफी दिनों से परेशान था। उसका इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले वह अपने बेटे के साथ कोलकाता गया था। दोनो मार्च के आखिर सप्ताह में लौटे तो पिता की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी। 27 मार्च को उन्होंने अपने पुराने परिचित डॉक्टर से दवा ली, पर आराम नहीं हुआ।
डॉक्टर की सलाह पर तीन अप्रैल को इन्हें बीएचयू लाया गया। जहां कोरोना की जांच तो हुई लेकिन रिपोर्ट सही नहीं आई। डॉक्टरो ने अपने स्तर से दवा दी और दोबारा कोरोना की जांच के लिए सैंपल भेज दिया। इधर 3 मार्च को ही उनकी मौत हो गई। चार तारीख को रिपोर्ट आने के बाद उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। डाक्टरों ने बताया कि कोरोना के कारण इनकी मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने गंगापुर इलाके को भी सील कर दिया।
परिवार के सभी सदस्यों को कॉरेंटाइन किया गया 15 से अधिक लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए। जिनमें मंगलवार की रात को जो रिपोर्ट आई उसमें मृतक की 52 वर्षीय पत्नी और 26 वर्षीय बहू कोरोना पॉजिटिव मिली। जबकि बेटे की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दोनों सास-बहू को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में आइसोलेशन के लिए लाया गया। बनारस में अब तक नौ लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। इलाज के बाद दो स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक की मौत हो गई। वहीं छह लोगों का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3 है। बनारस के आलावा बस्ती और बरेली में भी एक-एक मरीजों की जान कोरोना से गई है।