6 महीने बाद खुला वाराणसी का संकट मोचन मंदिर, श्रद्घालु बोले हम रोज दरवाजे से निराश लौट जाते थे, आज दर्शन हो गए

लाॅक डाउन और कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते बंद किये गए थे धर्म स्थल।
183 दिन बाद 20 सितम्बर को खोला गया वाराणसी का संकट मोचन मंदिर।
81 दिन बाद खुला था काशी विश्वनाथ मंदि और 141 दिन बाद काल भैरव का मंदिर।
संकट मोचन मंदिर खुलते ही सुबह से दर्शन करने के लिये उमड़े श्रद्घालु।

<p>संकट मोचन मंदिर</p>

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणासी. कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से फैलने और लाॅक डाउन लगने के चलते बंद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर के बाद अब संकट मोचन मंदिर भी पूरे 6 महीने बाद आम श्रद्घालुओं के दर्शन-पूजन के लिये खोल दिया गया। मंदिर में दर्शन के लिये श्रद्घालुओं को प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन और कोविड से बचाव के प्रोटोकाॅल का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। मंदिर में फूल और प्रसाद ले जाने की अनुमति नहीं है। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने कहा कि पूरे 183 दिन बाद मंदिर के कपाट आम श्रद्घालुओं के लिये खोल दिये गए हैं। सभी को संक्रमण से बचाव की गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है।

 

रविवार की सुबह चार बजे मंगला आरती की गई। उसके बाद मंदिर खुलने की सूचना मिलते ही निर्धारित समय सुबह छह बजे ही श्रद्घालुओं की भीड़ मुख्य द्वार पर जुट गई। महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने खुद मंदिर पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। बजरंगबली दरबार का कपाट खुलते ही दर्शन-पूजन के लिये श्रद्घालुओं की कतार लग गई, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखा गया। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग और अंदर घुसते ही सेनेटाइजर टनल लगाई गई है, जिसमें से गुजरकर श्रद्लुओं को अंदर प्रवेश करते रहे। कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए श्रद्घालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये हुए मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। दर्शन के लिये मास्क अनिवार्य है और इसका कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। मंदिर में एक बार में केवल 10 श्रद्घालुओं को ही दर्शन के लिये भेजा जा रहा है। इसके अलावा मंदिर में समय-समय पर सेनेटाइजेशन का इंतजाम किया गया है।

 

 

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विंध्य क्षेत्र से आए राजन तिवारी ने कहा कि बाबा का दर्शन करने के लिये लोग व्याकुल थे। सुबह से लोगों की कतार लगी हुई है। जिस तरह से बाबा विश्वनाथ का दरबार खुल गया था वैसे ही हमारी इच्छा थी कि संकट मोचन दरबार भी आम लोगों के लिये खुले और आज दर्शन करके ऐसा लगा जैसे नया जीवन मिल गया।

 

विनोद पाल ने बताया कि हम लोग रोजाना मंदिर की चौखट पर आते थे। हमें इंतजार था कि कब अंदर जाकर दर्शन का मौका मिलेगा। आज छह महीने के बाद बाबा के दर्शन हुए हैं। अंदर दर्शन-पूजन के लिये बहुत ही बढ़ियां व्यवस्था की गई है।

 

बताते चलें कि कोरोना संक्रमण के तेजी से पांव पसारने के चलते 24 मार्च को लाॅक डाउन लगा दिया गया था, जिसके बाद धर्म स्थलों को भी आम लोगों के लिये बंद कर दिया गया था। आठ जून को सरकार ने धर्मस्थल खोले जाने का ऐलान किया, आखिरकार 81 दिन बाद नौ जून को गाइडलाइन का पालन करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर आम श्रद्घालुओं के लिये खोल दिया गया। 22 मार्च से बंद काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव मंदिर के कपाट भी 141 दिन बाद सात अगस्त को श्रद्घालुओं के लिये खुल गए। अब पूरे छह माह बाद संकटमोचन दरबार में आम श्रद्घालुओं को हाजिरी मिली है।

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