कोरोना का खौफ, रेलवे को झटका, महज़ 28 दिन में ही लोगों ने वापस कर दिये पौने पांच करोड़ के टिकट

बनारस में कैंट, मैदागिन और बीएचयू के काउंटरों से पिछले 28 दिनों में ही पौने पांच करोड़ रुपये के टिकट वापस कर दिये गए। रद होने वाले टिकटों में 60 फीसदी मुंबई और पूर्वोत्तर राज्यों के।

<p>Railways stopped workman special trains</p>

वाराणसी. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रेलवे को बड़ा झटका लगा है। रेलवे आम लोगों की सहूलियत के लिये स्पेशल ट्रेनों का ट्रेनों का संचालन शुरू भले हो कर दिया है, लेकिन उसके काउंटर पर टिकट कराने वालों की अपेक्षा टिकट वापस कर रिफ़ंड लेने वाले कहीं ज़्यादा हैं। बनारस में तो कैंट, मैदागिन और बीएचयू के काउंटरों से पिछले 28 दिनों में ही पौने पांच करोड़ रुपये के टिकट वापस कर दिये गए। रद होने वाले टिकटों में 60 फीसदी मुंबई और पूर्वोत्तर राज्यों के हैं।

 

कैंट स्टेशन पर 27 मई से काउंटर से टिकट कैंसिल कराने की शुरुआत हो गयी। टिकट रद कराने का ये आलम है कि कैंट स्टेशन पर दो काउंटर कम पड़ गए और टिकट के लिये लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं। आखिरकार चार काउंटर खोलने पड़े। उसपर भी आलम ये की सुबह आठ से शाम चार बजे तक टिकट कैंसिल कराने वालों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।

 

रोज़ाना औसत 17 लाख के टिकट हो रहे कैंसिल

पीआरएस वीसी भटनागर की मानें तो रोज़ाना 17 लाख के टिकटों की वापसी हो रही है। अब तक 4 करोड़ 78 लाख के टिकट वापस हो चुके हैं। टिकट वापस कर रिफ़ंड देने के लिए लखनऊ डीआरएम कार्यालय से कैश मंगाया जा रहा है। रोज़ाना कैंसिल कराए गए टिकटों का ब्योरा लखनऊ भेजा जा रहा है।

 

दिल्ली-मुंबई में बढ़े केस तो घाटे यात्री

स्पेशल ट्रेनें भले ही शुरू हो गयी हों l, लेकिन कोरोना के भय से लोग सफर करने से कतरा रहे हैं। बेहद ज़रूरी या मजबूरी होने पर ही लोग सफर कर रहे हैं। दिल्ली और मुंबई में तो केस में इज़ाफा होने से वहां जाने वाले तेज़ी से घट गए हैं। गर्मियों की छुट्टियों के लिए भी लोगों ने प्लान बनाया था, लेकिन कोरोना के चलते सब कैंसिल।

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