दरअसल सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदशर्न के मद्देनजर वाराणसी जिला मुख्यालय पर पांच थानों की पुलिस तैनात की गई थी। इसके अलावा एसीएम चतुर्थ शुभांगी शुक्ला और एसपी सिटी विकास चन्द्र त्रिपाठी स्वयं मौजूद थे। प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा रखी थी और उनका ज्ञापन लेकर लौटाने की योजना थी। इस बीच दोपहर में प्रदर्शन करते बड़ी तादाद में सपा कार्यकर्ताओं का हुजूम वहां पहुंचा और कलेक्ट्रेट परिसर की ओर बढ़ने लगा, रोके जाने पर सपाई पुलिस से उलझ गए और कहासुनी होने लगी। पुलिस की मानें तो सपाई हाथापाई पर उतर आए, इसके बाद पुलिस ने उनपर लाठी चार्ज कर दिया और सपाई जमकर पीटे गए। करीब 40 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइंस ले जाया गया।
आरोप है कि सपा कार्यकर्तओं ने पुलिस पर पथराव भी किया। पुलिस ने लाठी चार्ज कर 45 से अधिक कार्यकर्तओं को गिरफ्तार किया। उधर गिरफ्तार किये गए कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस अत्याचार का जवाब यूपी की जनता 2022 के चुनाव में देगी, यह भ्रष्टाचारियों की सरकार है। लाठी चार्ज की घटना के बाद समाजवादी पार्टी के वाराणसी महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने मीडिया से कहा है कि डीएम से मिलकर अपनी बात कहने जा रहे सपा कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज करा शर्मनाक है। कई सपा कार्यकर्ता घायल हुए हैं। सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।