कश्मीर में आतंकियों की गोलीबारी के बीच जानपर खेलकर बच्चे को बचाने वाले CRPF जवान पवन बनारस के रहने वाले हैं

सीआरपीएफ के जवान पवन कुमार चौबे वाराणसी के चौबेपुर के गोलढमकवां के रहने वाले हैं। उनके इस साहसिक और बहादुरी भरे करनामे से पूरा बनारस उन्हें सलाम कर रहा है। बेटे की बहादूरी की बात सुन कर पिता सुभाष चौबे का भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

<p>पवन कुमार चौबे</p>

वाराणसी. जम्मू कश्मीर के सोपोर में आतंकियों की गोलीबारी के बीच फंसे बच्चे को अपनी जान पर खेलकर बचाने वाले सीआरपीएफ के जवान पवन कुमार चौबे वाराणसी के चौबेपुर के गोलढमकवां के रहने वाले हैं। उनके इस साहसिक और बहादुरी भरे करनामे से पूरा बनारस उन्हें सलाम कर रहा है। बेटे की बहादूरी की बात सुन कर पिता सुभाष चौबे का भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने कहा है कि उनके बेटे ने देशसेवा का अपना फर्ज़ पूरा किया है।

 

पवन के पिता पेशे से किसान हैं। वो बताते हैं कि उन्होने इसी खेती किसानी से बच्चों को पढ़ाया-लिखाया और इस काबिल बनाया। अपने तीन भाई-बहनों में पवन सबसे छोटे हैं। सबसे बड़ा बड़ा भाई अजय कुमार चौबे मुंबई की कारपेट कम्पनी में हैं। दूसरे नंबर पर बहन रंजना है, जिसकी शादी प्रयागराज हुई है। पवन की पत्नी शुभांगी चौबे हैं और उनको आठ साल का बेटा व पांच साल की बेटी है। पवन के पिता के मुताबिक बेटे के बड़े भी ससुर पुलिस में हैं और वह उसे हमेशा आर्मी ज्वॉइन करने को प्रेरित करते थे।

 

जहां मां बाप बेटे की बहादुरी के कारनामे से गदगद हैं, वहीं पत्नी को भी पति पर गर्व है। पवन की पत्नी शुभांगी चौबे ने बताया कि दोपहर में फोन कर घटनाक्रम की जानकारी दी थी। एकबार मन में घबराहट और डर लगा, लेकिन उनकी वीरता भरे इस करनामे के आगे टिक नहीं पाए। पत्नी कहा कि जिस तरह उन्होने अपनी जानपर खेलकर बच्चे की जान बचायी है, उससे मुझे उनपर गर्व है।

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