काशी महाकाल एक्सप्रेस में बदल गया शिव मंदिर का स्थान, अब यहां पर हो रही पूजा

कैंट रेलवे स्टेशन से रवाना हुई ट्रेन, जानिए क्या है कहानी

<p>Kashi Mahakal Express</p>
वाराणसी. महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए एक रिजर्व बर्थ को लेकर हुए हंगामे के बाद अब ट्रेन में मंदिर की जगह बदल दी गयी है। कैंट रेलवे स्टेशन से गुरुवार को काशी महाकाल एक्सप्रेस रवाना हो गयी है। ट्रेन के अंदर अभी भी भगवान शिव का मंदिर विराजमान है। मंदिर को अब पेंट्रीकार में स्थापित कर उसकी पूजा की गयी।
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आईआरसीटीसी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाकाल ट्रेन को चलाने का उद्देश्य धार्मिक यात्रा के साथ दोनों राज्यों के व्यवसाय को आसान पहुंच देना है। काशी विश्वनाथ व महाकाल मंदिर को जोडऩे वाली ट्रेन का नाम काशी महाकाल एक्सप्रेस रखा गया है। ट्रेन में यात्रियों को शाकाहारी खाना ही मिलेगा। इससे साफ है कि ट्रेन में धार्मिक यात्रा का विशेष ध्यान रखा गया है। कैंट रेलवे स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने से पहले उसे भव्य रुप से सजाया गया था और यात्रियों की पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया था इसके बाद ही ट्रेन रवाना हुई।
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जानिए क्यों हुआ था भगवान शिव की बर्थ को लेकर विवाद
पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था उस दिन ट्रेन की कोच संख्या पांच की सीट नम्बर 64पर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश की प्रतिमा रखी थी इस समय यह बात निकल कर सामने आयी थी कि हमेशा एक सीट भगवान शिव के परिवार के लिए रिजर्व रखी जायेगी। मीडिया में यह बात आते ही असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रवीट कर इसका विरोध किया था जिसके बाद आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने एक दिन ही ऐसी व्यवस्था रखने की बात कही थी इसके बाद ट्रेन के पेंट्रीकार में अब भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित किया गया है जहां पर प्रभु की विधिवत पूजा की गयी। ट्रेन यात्रियों को महाशिवरात्रि के दिन महाकाल का दर्शन करने का मौका मिल पायेगा।
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