बता दें कि सपा प्रत्याशी ने खुद का पर्चा खारिज होने के बाद नरेंद्र मोदी के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट शुक्रवार को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता ने यह फैसला सुनाया है। चुनाव याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से मतदाता या प्रत्याशी न होने के कारण याची तेज बहादुर यादव को चुनाव याचिका दाखिल करके निर्वाचन को चुनौती देने का अधिकार नहीं है।
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पहले शालिनी यादव को नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन नामांकन के अंतिम दिन पार्टी ने तेजबहादुर को टिकट दे दिया जबकि तेजबहादुर इससे पहले ही निर्दल प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल कर चुके थे। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने तेजबहादुर को नोटिस जारी की थी। उनसे बीएसएफ से बर्खास्तगी की सूरत में निर्वाचन आयोग से चुनाव लड़ने संबंधी इजाजतनामा लाना था जो वह नहीं दे पाए थे।