स्कूल के अंदर का नजारा देख शिक्षकों की आंखें फटी की फटी रह गई, विद्यालय गेट में ताला बंद था, जानें पूरा मामला

सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड के गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में आज सुबह का नजारा बदला हुआ था। जब शिक्षकों के साथ पहुंचे छात्र-छात्राओं को अंदर जाने नहीं दिया गया।
 

<p>स्कूल के अंदर का नजारा देख शिक्षकों की आंखें फटी की फटी रह गई, विद्यालय गेट में ताला बंद था, जानें पूरा मामला</p>
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

उन्नाव. सुबह-सुबह स्कूल पहुंचे छात्र और शिक्षकों को स्कूल में जो नजारा देखने को मिला। उससे उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। विद्यालय का गेट बंद था और बाहर आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ लगी थी। ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग अन्ना जानवरों के कारण खेती किसानी नहीं कर पा रहे हैं। काफी नुकसान हो रहा है। जिसके बाद उन्होंने एक सैकड़ा से ज्यादा जानवरों को विद्यालय में बंद कर दिया। मौके पर मौजूद शिक्षकों ने बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि कई शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई

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सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड के गांव की पिपरी का मामला

मामला सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड के गांव पिपरी का है। जहां आज सुबह बड़ी संख्या में खेत चर रहे अन्ना जानवरों को ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया और बाहर से गेट ताला डाल दिया। बातचीत के दौरान पिपरी गांव निवासी मिथिलेश कुमार ने बताया कि अन्ना जानवरों के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। वह लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं। कई शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। यही स्थिति सिकंदरपुर सरोसी विकास खंड के गांव लालूपुर की है। जहां पर ग्रामीणों ने अन्ना जानवरों को एक चारदीवारी में बंद कर दिया। ग्राम प्रधान कैलासा देवी के पति ने यह जानकारी दी

शिक्षामित्र अनूप मिश्रा ने बताया

इस संबंध में बातचीत करने पर मौके पर मौजूद शिक्षा अनूप मिश्रा ने बताया कि सुबह जब स्कूल पहुंचे तो विद्यालय के अंदर जानवर बंद थे और बाहर गेट पर ताला पड़ा था। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि ग्रामीणों ने अन्ना जानवरों को स्कूल में बंद कर दिया है। जिसके कारण सभी शिक्षक भर्ती लड़के विद्यालय के बाहर खड़े होने को मजबूर हैं। इस संबंध में जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी सहित अन्य लोगों को दे दी गई है। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

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