गंगा नदी की तेज धार से गिरा 220 केवी विद्युत ट्रांसमिशन टावर, आधा दर्जन नावे भी दबी

उन्नाव से कानपुर फूलबाग के लिए गई 220 केवी लाइन का ट्रांसमिशन टावर गंगा की तेज धार के कारण गिर गया। जिस पर पहले से ही कटान के कारण खतरा बन गया था। विद्युत पारेषण मंडल प्रथम कानपुर के अधिकारियों ने बताया कि विद्युत सप्लाई में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं।
 

<p>गंगा नदी की तेज धार से गिरा 220 केवी विद्युत ट्रांसमिशन टावर, आधा दर्जन नावे भी दबी</p>
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

उन्नाव. गंगा नदी की धारा में बने विद्युत ट्रांसमिशन टावर गिरने की जानकारी जंगल में आग की तरह फैल गई। मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई सूचना पाकर कानपुर से विद्युत विभाग के अधिकारी भी पहुंचे अफवाहों का भी बाजार गर्म रहा। लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। इस संबंध में विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विद्युत ट्रांसमिशन टावर की लाइन उन्नाव से फूलबाग कानपुर गई है। टावर पर किसी प्रकार का लोड नहीं था। बृहस्पतिवार 22 अक्टूबर की देर शाम हुई घटना के बाद उन्होंने बताया कि अंधेरे के कारण निरीक्षण करने में दिक्कत आ रही है। शुक्रवार को इसकी जांच की जाएगी।

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गंगा घाट कोतवाली के चंपापुर वर्कर्ट्री का मामला

गंगा घाट कोतवाली अंतर्गत चंपापुरवा कटरी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से विद्युत ट्रांसमिशन टावर गिर पड़ा। जिसकी आवाज दूर तक सुनाई पड़ी। स्थानीय लोगों ने बताया कि टावर के नीचे लगभग आधा दर्जन नाव दब गई। लेकिन किसी अन्य प्रकार के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है। 220kv ट्रांसमिशन टावर के गिरने के संबंध में विद्युत पारेषण मंडल प्रथम कानपुर अधीक्षण अभियंता अवधेश पासवान, अधिशासी अभियंता अशोक कुमार मौके पर पहुंचे। निर्माण एजेंसी के अधिकारी ने भी मौके का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि 35 जिओ ट्यूब डालकर टावर को गिरने से बचाने का प्रयास किया गया था। लेकिन सफलता नहीं मिली। विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आई। जब टावर पर आए खतरे के बाद भी लगातार निगरानी करने में लापरवाही बरती गई। 4 अक्टूबर को जिओ ट्यूब लगाने के बाद किसी अधिकारी ने टावर की हकीकत जानने का प्रयास नहीं किया।

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