समाज को एक सूत्र में बांधने का किया कार्य
उमरिया. आदि काव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर सामुदायिक भवन में विधायक बांधवगढ़ के मुख्य आथित्य में कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, धनुषधारी सिंह, संग्राम सिंह, संतोष सिंह, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एसके गढ़पाले, जग्गू, केबीसी के विजेता प्रांशु त्रिपाठी सहित सफाई कर्मी एवं नगरपालिका के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य महर्षि वाल्मीकि ने किया है। उन्होंने रामायण लिखकर समाज को एक राह प्रदान की। उनके द्वारा लिखे गए श्लोक से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को बदले। उन्होंने हिंदू सनातन धर्म को जोडऩे एवं समरसता लाने का कार्य किया है। उन्होंने सफाई कर्मियों आव्हान करते हुए कहा कि नगर को सुंदर एवं स्वच्छ बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करें, जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में चल रहे सर्वेक्षण कार्य में उमरिया को स्वच्छता के लिए अच्छे अंक प्राप्त हो सके। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि महर्षि जी का समाज को एकता एवं भाईचारे में पिरोने में अद्वितीय योगदान रहा है। उन्होंने संस्कृत में महारत हासिल कर ग्रंथों की रचना की और अपनी किस्मत बदली। उनके इस कार्य से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर चल रहे सर्वेक्षण कार्य में सभी को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है। लोगों में भी सफाई को लेकर जागरुकता बढ़ी है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए प्रांशु त्रिपाठी को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। इस अवसर पर प्रांशु त्रिपाठी को मुख्य अतिथियों द्वारा ट्रॉफ्री एवं प्रमाण पत्र दिया गया।
सफाई कर्मियों का किया सम्मान
विधायक बांधवगढ़, कलेक्टर सहित अन्य अतिथियों द्वारा सफाई कर्मियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर कोरोना काल में विशेष कार्य करने वाले प्यारे, गणेश, परमेंद्र, पांड,ू नरेंद्र, निशा, माया, शोभा, संतोष, कमला, जितेंद्र का सम्मान किया गया। इसी तरह कोरोना काल में डेड बॉडी का क्रिया-कर्म करने वाले कैलाश, प्रेमलाल, श्यामलाल, मुकेश तथा रात्रि कालीन सफाई व्यवस्था में योगदान देने वाले राजू, संजय नरेंद्र, शिवकुमार का सम्मान किया गया।
महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई
संस्कृत भारती उमरिया एवं स्वामी संत शरण संस्कृत विद्यापीठ छपड़ौर के संयुक्त तत्वाधान में महर्षि वाल्मीकि जयंती का कार्यक्रम श्रीमद् रामायण पूजन से प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में छात्रों ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन मूल्यों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में विद्यापीठ के प्राचार्य बृज मोहन प्रसाद गौतम, आचार्य सुनील, आचार्य दिनेश मिश्रा, नितेश मिश्रा आदि उपस्थित रहे। प्राचार्य बृजमोहन प्रसाद गौतम ने कहा कि आश्विन माह की पूर्णिमा को महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जा रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि ने ही रामायण की रचना की थी। संस्कृत भाषा के परम ज्ञानी महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर देश के कई राज्यों में बड़े आयोजन भी होते हैं।