उज्जैन। अग्निकांड के दौरान पाटीदार अस्पताल (patidar hospital) में भर्ती रहे एक और मरीज की बुधवार को इंदौर के हॉस्पिटल में मौत हो गई है। घटना के दौरान आइसीयू में भर्ती रहे मरीजों में से यह दूसरी मौत है। इससे पहले अग्निकांड में झुलसी एक महिला की भी मौत हो चुकी है।
कोविड वार्ड में भर्ती 4 मरीज झुलसे 80 मरीज बाल-बाल बचे
रविवार को जब पाटीदार अस्पताल के कोविड आइसीयू वार्ड में आग लगी तब वहां विवेकानंद कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय कन्हैयालाल चौरसिया भी पलंग नंबर-1 पर भर्ती थे। उन्हें सीने में कफ की शिकायत के चलते 2 अप्रैल को भर्ती किया गया था। 4 मार्च को अस्पताल में आग लगने पर चौरसिया ने बाहर निकलने का प्रयास किया। मौके पर पहुंचे उनके पौते परिचय ने बताया कि दादाजी को तत्काल नजदीक के गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था। छोटे पौते अंश के अनुसार तब तक दादाजी का ऑक्सीजन लेवल 90 के लगभग थी। सोमवार को उन्हें इंदौर के ग्रेटर कैलाश अस्पताल में शिफ्ट किया गया। चिकित्सों का कहना था कि दादाजी की तबीयत में सुधार है।
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आखिरी तक स्वस्थ बताता रहा अस्पताल प्रबंधन
बुधवार दोपहर तक परिजनों को यही बात बताई गई। शाम को अंश दादाजी से मिलने अस्पताल में गया तो देखा कि उन्हें वेंटीलेटर लगा है और शरीर ठंडा पड़ा हुआ है। अंश के अनुसार डॉक्टर्स ने बताया कार्डिक अरेस्ट होने से कुछ समय पहले ही उनकी मौत हुई है। अंश का यह भी कहना है कि परिवार को कुछ दिन पूर्व ही दादाजी के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी। इसके चलते शव भी नहीं दिया गया है। गुरुवार को कोरोना प्रोटोकॉल अंतर्गत इंदौर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजनों ने मामले में पाटीदार व ग्रेटर कैलाश अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
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