हत्या करके भी भारी तिजौरी नहीं ले जा सके, जिसमें थे 96 किलो चांदी, 25 तोला सोना और 46 हजार नकद

कोल्यारी में दम्पती की हत्या का मामला, चार आरोपी हुए गिरफ्तार, सभी 21-22 साल के

<p>हत्या करके भी भारी तिजौरी नहीं ले जा सके, जिसमें थे 96 किलो चांदी, 25 तोला सोना और 46 हजार नकद</p>
उदयपुर. आठ दिन पहले 10 अप्रेल को कोल्यारी में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा शनिवार को हो गया। चार बदमाश लूट की नीयत से घर में घुसे थे और दम्पती की हत्या कर दी। इस मामले का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती भरा था, लेकिन सात दिन तक पुलिस अधिकारियों ने कोल्यारी में ही डेरा डाले रखा। दो सौ पुलिसकर्मियों की फोर्स रात-दिन जुटी रही तो आरोपी पकड़ाए।
हत्याकांड का खुलासा पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार ने शनिवार शाम को पत्रकार वार्ता में किया। दस अप्रेल को कोल्यारी निवासी देवीलाल और पत्नी पुष्पा जैन की हत्या हुई थी। मृतक ब्याज पर रुपए देने, जेवर गिरवी रखते थे। चार बदमाश लूट की नीयत से गए और हत्या कर दी। दम्पती के बही खातों से भी आरोपियों का संबंध मिल गया, जिससे पकड़ में आ गए। उन के बही खातों में 80-90 लोगों से लेनदेन का हिसाब मिला। जिस तिजौरी को बदमाश नहीं ले जा सके, उसमें 96 किलो चांदी, 25 तोला सोने के जेवर और 46 हजार 500 रुपए नकद मिले।
पुलिस ने आरोपी डोलरिया निवासी दिनेश पुत्र कालू लाल गरासिया, आडालाकड निवासी प्यारचन्द पुत्र प्रभुलाल पाण्डोर, डोलरिया निवासी कमलेश पुत्र रोशनलाल और डोलरिया निवासी नारायण पुत्र नकाराम कटारा को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया।
बही खाते से मिलाए नाम
मृतक देवीलाल के घर पर ब्याज और गिरवी का कार्य करने से संबंधित बही-खाते मिले। टीम ने बही खातों का विश्लेषण किया। ऐसे लोगों की सूची तैयारकर संबंधित लोगों की जानकारी जुटाई। मृतक देवीलाल ने क्षेत्र के गांव डाला, डोलरिया में कई लोगों की रकम गिरवी रख रखी थी। आरोपी दिनेश का मृतक से लेनदेन होना भी बही खाते में मिला।
गिरवी दे रखे थे जेवर
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दिनेश ने 17 अक्टूबर 2020 को सोने के जेवर मृतक देवीलाल के पास गिरवी रखे थे। कमलेश ने भी अपने चाचा के साथ सेठ देवीलाल से रुपए लेकर जेवरात गिरवी रखे थे। दिनेश व कमलेश ने प्यारचंद और नारायण से मिल लूट की योजना बनाई।
शेविंग ब्लेड से काटा गला
घटना से पहले आमलेटा घाटा पर शराब पार्टी की। अंधेरा होने पर दो बाइक से कोल्यारी पहुंचे। मकान में घुस तिजोरी की चाबियों की तलाश करते हुए मृतक देवीलाल के कमरे में घुसे। दम्पती को मार दिया। तिजौरी की चाबियां नहीं मिलने और बहुत भारी होने के कारण जवेर नहीं निकाल पाए तो भाग छूटे।
विशेष टीम का गठन
एसपी डॉ. पचार ने एएसपी अनन्त कुमार के पर्यवेक्षण में टीम गठित की थी। झाड़ोल वृत्ताधिकारी गिरधर सिंह, गिर्वा वृत्ताधिकारी प्रेम धणदे, कोटड़ा वृत्ताधिकारी भूपेन्द्र कुमार, झाड़ोल थानाधिकारी देवीलाल, फलासिया थानाधिकारी रमेशचन्द्र, डीएसटी प्रभारी डॉ. हनवन्तसिंह राजपुरोहित, पानरवा थानाधिकारी अमराराम के साथ थाना गोवर्धनविलास, डीएसटी और साइबर सेल की टीमें बनाई थी।
इनका रहा योगदान

आरोपियों तक पहुंचने में थाना पानरवा से हेड कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह, कांस्टेबल दिलीप कुमार का अहम योगदान रहा। महिपाल, फलासिया के हेड कांस्टेबल हितेन्द्रसिंह, कांस्टेबल संजय, हितेन्द्र, गोवर्धनविलास थाने के हेड कांस्टेबल मनोहर सिंह, गणेशसिंह, कांस्टेबल दिनेशसिंह, राजेन्द्र सिंह, झाड़ोल से कांस्टेबल भारमल, भूराराम, हितेन्द्र सिंह, डीएसटी से एएसआई ईतवारीलाल, हेड कांस्टेबल सुखदेव सिंह, कांस्टेबल उपेन्द्र सिंह, अनिल पूनिया, रविन्द्र, साईबर सेल से गजराज सिंह, लोकेश रायकवाल का सहयोग रहा।
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