शातिराना अंदाज से बरसों छकाया खाकी को, पुलिस एप्रीन पहन कोरोना जांच के बहाने धर लाई उन्हें

शातिराना अंदाज से बरसों छकाया खाकी को, पुलिस एप्रीन पहन कोरोना जांच के बहाने धर लाई उन्हें

<p>Police encounter</p>
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
विभिन्न अपराधों में लिप्त फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कोरोना जांच के बहाने कई आरोपियों को धर दबोचा। पुलिस कई जगह मेडिकल टीम के सदस्य बनकर एप्रीन पहन पहुंची तो कुछ जगह माल खरीदने वाले व्यापारी बनकर। कई जगह आरोपी की कमजोरी व परिवार में उसकी जरुरत का सहारा लेकर आरोपी को पकड़ा गया। धर पकड़ के इस नए तरीके से गच्चा देने वाले आरोपी भी घनचक्कर हो गए। लम्बे समय से फरार इन आरोपियों को पता भी नहीं चल पाया कि घर आने वाले लोग पुलिस के थे या कोई और, समझ आई तब तक वे संबंधित थानों में पहुंचकर मुकदमों में गिरफ्तार हो चुके थे।आईजी बिनीता ठाकुर ने जुलाई माह में स्थाई वारंटियों व विभिन्न मामलों में फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया था।
एसपी कैलाशचन्द्र बिश्नोई के निर्देशन में जिला पुलिस ने पूरे माह में आरोपियों की धरपकड़ करते हुए 311आरोपी पकड़े। ये आरोपी करीब 3 से 25 साल के बीच के फरार थे। इसमें प्रतापनगर थानाधिकारी विवेकसिंह के नेतृत्व में कांस्टेबल राजेन्द्रसिंह, मनोज, तेजसिंह, हरिकिशन, उमेश कुमार व नंदकिशोर की टीम ने सर्वाधिक 45 आरोपियों को पकड़ा। इस टीम ने राज्य में उदयपुर, चितौडगढ़़, राजसमंद, बांसवाड़ा, डंूगरपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, ब्यावर के राज्य से बाहर मध्यप्रदेश, गुजरात जिलों में दबिश दी। हर आरोपी को टीम ने उसके ही तरीके से पकड़ा। गोवद्र्धनविलास थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए दोनों आरोपी तो जांच में कोरोना पॉजिटिव निकले।

केस-1
आरोपी- बाबूखां पुत्र सरफराज खां निवासी-शक्करगढ़ (भीलवाड़ा)
नकबजनी के मामले में वांछित यह आरोपी शंकरगढ़ थाने से लगता मकान होने के बावजूद लगातार पुलिस को गच्चा दे रहा था। टोंक में ही चारे का व्यवसाय कर चोरी छिपे घर आ रहा था। पुलिस उसके व्यवसाय का पता कर चारा खरीदने के बहाने घर पहुंची। पूछताछ में परिजनों ने दो दिन बाद आना बताया, पुलिस ने दो दिन बाद पहुंचकर चारा खरीदने के बहाने उसे धरदबोचा।

केस-2
आरोपी- जगदीश सिंह पुत्र बद्रीलाल निवासी-आजादपुरा मोहल्ला, बड़ीसादड़ी हाल सविना
दुर्घटना के मामले में 17 साल से फरार आरोपी गांव में जमीन बेचकर उदयपुर में ही रह रहा था। सबसे बड़ी बात वह हर दो से तीन माह में मकान बदलने से उसकी पता नहीं चल पा रहा था। पुलिस बिजली मीटर की रीडिंग के कार्मिक बनकर आरोपी जहां रहा वहां पांच से छह मकानों में पूछते हुए उसके असली ठिकाने गोवद्र्धनविलास पहुंची। वहां पुलिस को देखते ही वह चौंक गया।

केस-3
आरोपी- रावताराम पुत्र सवाईराम गुर्जर निवासी- झाल का खेड़ा पीएस काथोला (भीलवाड़ा)
दुर्घटना के मामले में 10 साल से फरार इस आरोपी का पुलिस परिवार का पता किया। पिता की मौत के बाद जमीन का बंटवार नामा पुत्रों के नाम करवाने के लिए उनके पटवार मंडल में आने की जानकारी मिली। पुलिस ने घर पहुंचकर नामांतरण के लिए सभी पुत्रों को पटवार मंडल बुलाया, वहां पर आरोपी रावताराम के सामने आने पर पुलिस उसे पकडकऱ ले आई।

केस-4
आरोपी- मदनलाल भाट पुत्र घीसूलाल भाट निवासी-बादलिया पीएस जवाजा अजमेर हाल भवानी की भागल (राजसमंद)
वर्ष 2001 में बीएसएएन में ऑफिस में चोरी का यह आरोपी लम्बे समय से फरार था। अलग-अलग गांव में रहकर यह वर्तमान में अपने जीजा के गांव भवानी भागल में रह रहा था। पुलिस पहुंची तो वहां कोरोना पॉजिटिव मरीज ज्यादा आने पर जांच चल रही थी। पुलिस मेडिकल टीम बनकर आरोपी के जीजा के घर पहुंची। वहां परिवार के नाम लिखने के दौरान ही मदनलाल को धर दबोचा।
इनका कहना है
समय-समय पर मफरूर व वारंटियों के खिलाफ अभियान चलाते है। इस बार भी कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए जिले में अभियान चलाया गया था। अभियान के तहत 311 आरोपी पकड़े गए। इनमें सर्वाधिक प्रतापनगर थाना पुलिस ने 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया। गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, एएसपी (शहर)
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