कह सकते है कि औसत एक साल में 500 से 550 नमूने लिए जाते है जबकि यह आंकड़े शहर क्षेत्र से लेकर पूरे जिले को देखे तो बहुत कम है। लोगों के बीच यह चर्चा भी अमूमन सुनने को मिलती है कि मिलावट करने वालों में भय तब होगा जब मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
त्योहार आने के साथ ही कार्रवाई शुरू होने से पहले तो सोशल मीडिया पर यह चर्चा जरूर चल जाती है कि अब खाद्य सामग्री व मिठाइयों की दुकानों पर कार्रवाई होगी। साथ के साथ लोग यह जरूर कहते है कि यह कार्रवाई तो नियमित होनी चाहिए और सबसे बड़ी बात यह है कि मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो तब जाकर भय रहेगा।
अभियान जब सरकार का आदेश तब
असल में वैसे तो हर समय खाद्य सामग्री को लेकर जांच करने की जरूरत होती है और विभाग के अधिकारी कहते है कि वे नियमित कार्रवाई करते रहते है। बात जब अभियान की आती है तो वह तो राज्य सरकार के वहां से कार्यक्रम आने के अनुसार किया जाता है। लोगों की शिकायतें आ भी जाए तो कार्रवाई करने में कई मुश्किलें है और उसमें सबसे बड़ी चुनौती मैन पॉवर की।
मावे को लेकर बड़ी कार्रवाई की
उदयपुर अंचल में सबसे ज्यादा कार्रवाई मावे को लेकर की गई है। यहां बाहर से आने वाले मावे में बड़ी मात्रा में मिलावट सामने आई थी। खाद्य विभाग ने धौलपुर की तरफ से आए करीब 63 क्विंटल मावे को जलाने की कार्रवाई बहुत पहले की थी। प्राय: सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर नमूने लिए जाते है। इनमें घी, तेल, दूध, पनीर, आटा, मावा, चाय आदि शामिल है। सबसे ज्यादा इनकी ही जांच की जाती है। इसमें फैक्ट्री से लेकर दुकानों पर नमूने लिए जाते है।
नमूनों का रिपोर्ट कार्ड
असल में वैसे तो हर समय खाद्य सामग्री को लेकर जांच करने की जरूरत होती है और विभाग के अधिकारी कहते है कि वे नियमित कार्रवाई करते रहते है। बात जब अभियान की आती है तो वह तो राज्य सरकार के वहां से कार्यक्रम आने के अनुसार किया जाता है। लोगों की शिकायतें आ भी जाए तो कार्रवाई करने में कई मुश्किलें है और उसमें सबसे बड़ी चुनौती मैन पॉवर की।
मावे को लेकर बड़ी कार्रवाई की
उदयपुर अंचल में सबसे ज्यादा कार्रवाई मावे को लेकर की गई है। यहां बाहर से आने वाले मावे में बड़ी मात्रा में मिलावट सामने आई थी। खाद्य विभाग ने धौलपुर की तरफ से आए करीब 63 क्विंटल मावे को जलाने की कार्रवाई बहुत पहले की थी। प्राय: सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर नमूने लिए जाते है। इनमें घी, तेल, दूध, पनीर, आटा, मावा, चाय आदि शामिल है। सबसे ज्यादा इनकी ही जांच की जाती है। इसमें फैक्ट्री से लेकर दुकानों पर नमूने लिए जाते है।
नमूनों का रिपोर्ट कार्ड
वर्ष… नमूने लिए… नमूने फेल
2016… 732… 196
2017… 670… 202
2018… 560… 116
2019… 689… 191
2020… 167… 69
कुल… 2718… 774 (2020 के आंकड़े सितंबर माह तक के)
इधर, मावे व घी-तेल के नमूने लिए
इधर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से मंगलवार को चार नमूने लिए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज ने बताया कि प्रतापनगर रेलवे ट्रेक के पास महाराणा प्रताप मार्केट में एनबी ट्रेडिंग कंपनी से रिफाईंड सोयाबीन तेल, इसी मार्केट से लाईफोल इंडिया ट्रेड से वनस्पति घी, कडिय़ा के पास निशा मावा भंडार से मलाई बर्फी व फीके मावे के नमूने लिए गए।
2016… 732… 196
2017… 670… 202
2018… 560… 116
2019… 689… 191
2020… 167… 69
कुल… 2718… 774 (2020 के आंकड़े सितंबर माह तक के)
इधर, मावे व घी-तेल के नमूने लिए
इधर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से मंगलवार को चार नमूने लिए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज ने बताया कि प्रतापनगर रेलवे ट्रेक के पास महाराणा प्रताप मार्केट में एनबी ट्रेडिंग कंपनी से रिफाईंड सोयाबीन तेल, इसी मार्केट से लाईफोल इंडिया ट्रेड से वनस्पति घी, कडिय़ा के पास निशा मावा भंडार से मलाई बर्फी व फीके मावे के नमूने लिए गए।