विधायक होटलों में, 28 दिन से जनता परेशान, कोरोना संकट अलग

खेरवाड़ा व वल्लभनगर विधायक के बाड़ाबंद होने से विपक्ष ने उठाए सवाल

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मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. आज 28 दिन होने जा रहे है। हमारे उदयपुर जिले के दो विधायकों को होटल में रहते हुए। क्षेत्र में जनता परेशान है। कार्यकर्ता अंदर ही अंदर जान रहा है कि जनता नाराज है लेकिन बाहर से खुश। विधायकों के जनता के बीच नहीं आना हुआ। विधानसभा क्षेत्र में विपक्ष विधायकों को निशाने पर लिए है। तर्क है कि जिस जनता ने विधायकों को चुना है वे जनता के बीच न होकर होटलों में है।
राजस्थान में चल रहे सत्ता के इस संग्राम में उदयपुर से कांग्रेस के दो विधायक क्रमश: खेरवाड़ा से दयाराम परमार तो वल्लभनगर से गजेन्द्र सिंह शक्तावत आते है। परमार गहलोत के साथ जैसलमेर में तो शक्तावत सचिन पायलट के साथ उनके कैम्प में है। बरहाल में दोनों विधायकों के बाड़ाबंदी में होने के बाद से जनता का उनसे मिलना मुश्किल हो गया। न तो विधायक करीब एक महीने से जनता के बीच आए है और न कोई जयपुर जाकर उनसे मिल सकता है। विधायकों का दावा है कि मोबाइल का जमाना है सारे काम फोन पर होते है तो विपक्ष ने सवाल खड़ा किया कि मोबाइल तो बंद कर रखे है काम कैसे हो?

कोविड-19 का संकट, फिर भी चिंता नहीं
कोरोना वायरस के प्रकोप से हाहाकार मचा हुआ है। उदयपुर जिले में केस बढ़ते जा रहे है। पॉजिटिव केस का आंकड़ा 1500 के पार हो चुका है। वल्लभनगर विधानसभा के भींडर में तो वहां स्थितियां खराब हो गई थी, वहां एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाना पड़ा। इस दौर में जनता पर इन नेताओं की सियासी लड़ाई की मार पड़ रही है। वैसे सोशल मीडिया पर तो लोग जनप्रतिनिधियों को कोस रहे है। सीधे तौर पर लिख रहे है कि ये विधायकजी होटलों में आराम और मनोरंजन कर रहे है।

विधायक 11-12 से बाड़ाबंदी में
11 जुलाई 2020 को सचिन पायलट की ओर से संदेश दिया गया कि 30 विधायकों का समर्थन उनके साथ है, 30 में एक शक्तावत भी है। 13 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई परमार उसमें थे। इसके बाद से विधायक बाड़ाबंदी में है।
जनता बहुत परेशान, क्या करें

जनता परेशान ही नहीं बहुत ज्यादा परेशान है। क्षेत्र में कोई सुनने वाला नहीं है। अधिकारियों ने भी सुनना बंद कर दिया है। अधिकारी वर्ग कोई जवाब नहीं देता है। मनमर्जी बढ़ गई है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधि यहां नहीं है, जनता करें तो क्या करें।
– नानालाल अहारी, पूर्व विधायक खेरवाड़ा (भाजपा)

फोन पर हर काम कर रहा हूं
विधायक कोई दफ्तर तो नहीं लगाते है, मोबाइल का जमाना है, जिसका भी फोन आता है, उसको सुनता हूं और समाधान भी करवा रहा हूं। ये बात मान सकते है कि जनता के बीच नहीं है लेकिन काम तो फोन से सारा कर रहे है। भाजपा कुछ भी कहे।
– दयाराम परमार, विधायक खेरवाड़ा

जनता की परेशानी तो ग्राउंड पर दिखती

कोरोना महामारी के बीच जनता कितनी परेशान है यह तो ग्राउंड पर पता चलता है। भींडर में लॉकडाउन था, विधायक राखी व नारियल भेज रहे है उससे क्या मतलब है, जनता की जरूरत क्या है यह देखने वाली बात है। दूसरे सारे काम ठप्प पड़े है।
– रणधीर सिंह भींडर, पूर्व विधायक वल्लभनगर (जनता सेना)

ऐसी बात नहीं, जनता की सुन रहा हूं
एक विधायक से जो भी अपेक्षा जनता की है वह पूरी कर रहा हूं। किसी का भी फोन आता है तो उसे सुना जा रहा है और उनका काम करवा रहे है। कोई बवंडर खड़ा करें तो उसका क्या करें बाकी ऐसी कोई बात नहीं है।
– गजेन्द्र सिंह शक्तावत, विधायक वल्लभनगर
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