– पुरानी नीति में कई खामियां है जिससे देवस्थान को कई जगह नुकसान उठाना पड़ता है
– किराया बहुत कम होने से राजस्व भी कम मिलता, न्यूनतम 5 से 10 रुपए किराया भी है
– किराएदार ही अपने स्तर पर संपदा को सबलेट कर देते थे
– किराएदार सालों जमा रहते और मालिक बनकर बैठ जाते थे
नई किराया नीति में यह खास होगा
– किराया बहुत कम होने से राजस्व भी कम मिलता, न्यूनतम 5 से 10 रुपए किराया भी है
– किराएदार ही अपने स्तर पर संपदा को सबलेट कर देते थे
– किराएदार सालों जमा रहते और मालिक बनकर बैठ जाते थे
नई किराया नीति में यह खास होगा
– सबलेट पर प्रतिबंध होगा
– किराया दुगुना से तीन गुणा तक होगा
– नियम-शर्तोँ में बदलाव होगा
– सरकारी संपत्ति सरकार की रहेगी, इसके लिए सख्त प्रावधान
करोड़ों की आय होती, नई नीति से अच्छी आय होगी
– किराया दुगुना से तीन गुणा तक होगा
– नियम-शर्तोँ में बदलाव होगा
– सरकारी संपत्ति सरकार की रहेगी, इसके लिए सख्त प्रावधान
करोड़ों की आय होती, नई नीति से अच्छी आय होगी
प्रदेश व प्रदेश के बाहर देवस्थान विभाग के मंदिरों के अधीन दुकानों, आवासीय, व्यावसायिक परिसर किराए पर दिए हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 मे 3.95 करोड़, वर्ष 2019-20 में जनवरी, 2020 तक 3.95 करोड़ रुपए की आय हुई। इसके अलावा करीब 150 से ज्यादा संपत्तियों पर अवैध कब्जे है जिन पर विधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई चल रही है।
इनका कहना है…
नई किराया नीति का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद हमने तो जयपुर भेज दिया है। उस पर राज्य सरकार से अनुमोदित होते ही लागू करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
– राजेन्द्र भट्ट, आयुक्त देवस्थान विभाग
इनका कहना है…
नई किराया नीति का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद हमने तो जयपुर भेज दिया है। उस पर राज्य सरकार से अनुमोदित होते ही लागू करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
– राजेन्द्र भट्ट, आयुक्त देवस्थान विभाग