उदयपुर में 42 कर्मचारी नहीं मिले सीट पर

नगर निगम में 21 अधिकारी-कर्मचारी व 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनुपस्थित मिले

<p>उदयपुर नगर निगम</p>
उदयपुर. नगर निगम में अधिकारियों व कर्मचारियों के ड्यूटी पर आने को लेकर भी रामराज चल रहा है। असल में महापौर जीएस टांक व उप महापौर पारस सिंघवी के पास नियमित शिकायतें आ रही थी तो दो दिन पहले शुक्रवार को उप महापौर ने आकस्मिक निरीक्षण किया तो कार्यालय समय में 42 अधिकारी-कर्मचारी व अन्य स्टाफ अनुपस्थित मिला।
सुबह नगर निगम कार्यालय समय अवधि के दौरान सिंघवी ने कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया जिसमें एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी, पांच वरिष्ठ सहायक अधिकारी, सात कनिष्ठ सहायक, एक मुंशी, स्वास्थ्य शाखा में 8 तथा 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। सिंघवी ने बताया कि अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी 10.05 बजे तक भी निगम कार्यालय में नहीं पहुंचे थे। इसी के साथ साथ निगम के आधे से भी ज्यादा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी निगम द्वारा तय किए गए ड्रेस कोड में नहीं मिले। उप महापौर ने अनुपस्थित मिलने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आयुक्त कमर चौधरी को पत्र लिखा।
कल्ला को बताया सूरजपोल का दर्द

उदयपुर. पुरातत्व विभाग के मंत्री बी.डी. कल्ला से शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर शहर की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए ऐतिहासिक सूरजपोल दरवाजे की गिरी दीवार को लेकर पूरा दर्द बयां किया। होटल लेकेंड में कल्ला से कांग्रेस नेता भीमसिंह चुडांवत, देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष निरंजन नारायण सिंह राठौड़, मनोहर सिंह मेड़तिया, भरत आमेटा, पार्षद अरुण टांक मिले। प्रतिनिधियों ने कल्ला को बताया कि सूरजपोल दरवाजे की दीवार गिर गई, पुरामहत्व वाले इस स्थान को संरक्षित करने की मांग करते हुए दीवार गिरने को लेकर पूरी जांच की मांग की। साथ ही शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेकट के तहत सीवरेज की लाइने डालने से टूटी पाइप लाइनों को ठीक करने की भी मांग करते हुए कई अन्य मुद्दे उनके समक्ष रखी।
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