परंपरानुसार, मंगलवार को प्रात:काल मंगला आरती 5.30 बजे की गई और ठाकुरजी को पंचामृत स्नान कराया गया। उसके बाद भगवान को केसरिया वस्त्र धारण करवाए गए, अमरशाही पाग का विशेष शृंगार धराया गया। तत्पश्चात शृंगार आरती हुई और विशेष राजभोग धराया गया। संध्या आरती 7.30 बजे हुई। वहीं, रात 12.30 बजे भगवान श्रीकृष्ण का लालन प्रभु का जन्मोत्सव मनाया गया। उनके पालने में दर्शन हुए। भक्तों ने भगवान के वर्चुअल दर्शन किए और जन्मोत्सव का जश्न घरों में ही रहकर मनाया।
मनाया नंदोत्सव
बुधवार को दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे तक कृष्ण जन्मोत्सव का नंद महोत्सव मनाया गया। इसमें ढाड़ा-ढाडिऩ का नृत्य व बधाई के गीत गाए।
बुधवार को दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे तक कृष्ण जन्मोत्सव का नंद महोत्सव मनाया गया। इसमें ढाड़ा-ढाडिऩ का नृत्य व बधाई के गीत गाए।