जगन्नाथ के द्वार गूंजा ‘जय कन्हैया लाल की… उदयपुर के जगदीश मंद‍िर में मनी जन्‍माष्‍टमी

– जन्माष्टमी पर हुआ प्रभु का विशेष शृंगार, रात 12.30 बजे प्रभु जन्म पर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे लगे

उदयपुर. स्मार्त परंपरा के अनुसार जगदीश मंदिर में मंगलवार को जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। रात 12.30 बजे प्रभु जन्म पर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे लगे। भगवान की आरती हुई और बधाइयां दी गई, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण जयकारे लगाने वालों में केवल पुजारी परिवार ही शामिल था, जबकि हर बार भक्तों की भीड़ के बीच खूब जोर-शोर से जन्माष्टमी मनाई जाती और जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठता।
परंपरानुसार, मंगलवार को प्रात:काल मंगला आरती 5.30 बजे की गई और ठाकुरजी को पंचामृत स्नान कराया गया। उसके बाद भगवान को केसरिया वस्त्र धारण करवाए गए, अमरशाही पाग का विशेष शृंगार धराया गया। तत्पश्चात शृंगार आरती हुई और विशेष राजभोग धराया गया। संध्या आरती 7.30 बजे हुई। वहीं, रात 12.30 बजे भगवान श्रीकृष्ण का लालन प्रभु का जन्मोत्सव मनाया गया। उनके पालने में दर्शन हुए। भक्तों ने भगवान के वर्चुअल दर्शन किए और जन्मोत्सव का जश्न घरों में ही रहकर मनाया।

मनाया नंदोत्सव
बुधवार को दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे तक कृष्ण जन्मोत्सव का नंद महोत्सव मनाया गया। इसमें ढाड़ा-ढाडिऩ का नृत्य व बधाई के गीत गाए।
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