प्रदोष काल में होगा दहन होलिका दहन पर इस बार भद्रा सुबह से लेकर दोपहर तक ही रहेगी। दोपहर बाद भद्रा नहीं रहेगी। ऐसे में होलिका दहन में ये इस बार बाधक नहीं बनेगी। वहीं, इस दिन सुबह से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा व शाम से अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। ऐसे में इन दोनों योग का होना शुभ है। पं. जितेंद्र त्रिवेदी जोनी के अनुसार, होलिका दहन हमेशा पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में किया जाता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च रविवार सायं प्रदोष काल 6.49 बजे से रात्रि 9.13 बजे तक रहेगा।
साथ ही वर्तमान में कोरोना से बचने के लिए होलिका में कपूर डालना भी शुभ रहेगा ताकि दूषित पर्यावरण को शुद्ध बनाया जा सके। होलिका दहन में होली का पर्व मनाते समय सरकार की गाइड लाइन का भी पूर्ण रूप से पालन करें।
साथ ही वर्तमान में कोरोना से बचने के लिए होलिका में कपूर डालना भी शुभ रहेगा ताकि दूषित पर्यावरण को शुद्ध बनाया जा सके। होलिका दहन में होली का पर्व मनाते समय सरकार की गाइड लाइन का भी पूर्ण रूप से पालन करें।