कटारिया उदयपुर में हुए क्वाराइंटन, अंतिम दिनों में कई नहीं गए प्रचार में

प्रताप के बयान के बाद राजसमंद सीट पर कटारिया के दौरें नहीं हुए, सहाड़ा भी नहीं गए
 

<p>gulab chand kataria</p>
उदयपुर. इन दिनों कोविड के चलते क्वाराइंटन शब्द बहुत ज्यादा सुनने को मिल रहा है। महाराणा प्रताप पर राजनीतिक सभा में की टिप्पणी के बाद मचे बवाल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का जिस कदर विरोध हुआ उसके बाद वे अपने विधानसभा क्षेत्र उदयपुर में ही राजनीतिक रूप से क्वाराइंटन हो गए है।
असल में राजसमंद विधानसभा की कुंवारिया में सभा में प्रताप को लेकर की गई टिप्पणी के शुरू हुए विरोध के बाद से कटारिया उदयपुर में ही रहे। इस बीच विरोध बढ़ता गया और कटारिया के दूसरे कार्यक्रम निरस्त हो गए और जो चुनाव प्रचार के अगले कार्यक्रम तय होने थे वे भी नहीं बन पाए। राजसमंद से उदयपुर होते हुए विरोध मेवाड़ से लेकर राजधानी जयपुर तक बढ़ा। कटारिया बुधवार को सुबह भीमराव अम्बेडकर को पुष्पांजलि देने के बाद सीधे माछला मगरा स्थित घर पहुंचे और उसके घर ही रहे। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी घर ही मुलाकात की। इसी प्रकार गुरुवार को भी कटारिया दिन भर घर ही रहे, कुछ समय पारिवारिक मेल-मिलाम में निकाला।

राजसमंद में कटारिया के पास बड़ी जिम्मेदारी दी थी
असल में राजसमंद सीट मेवाड़ में आती है और वहां कटारिया की बड़ी जिम्मेदारी थी। भाजपा प्रत्याशी के नामांकन से लेकर उसके बाद सभाएं संबोधित करने कटारिया गए थे। प्रताप को लेकर मचे बवाल के बाद कटारिया की कोई सभा व जनसम्पर्क नहीं हुआ। प्रचार के अंतिम दिन गुरुवार को भी कटारिया कही नहीं जा सके। साथ के साथ सहाड़ा सीट पर भी कटारिया नहीं जा सके। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि वैसे प्रत्याशियों व पार्टी ने भी इस बिगड़े माहौल में कटारिया से दूरी बनाई थी।

अंबडेकर को लेकर भी सोशल मीडिया पर छाए रहे कटारिया
उदयपुर. महाराणा प्रताप के बाद बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर भी विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर इसका विरोध हुआ और कटारिया छाए रहे। इसमें इस बात का विरोध किया गया कि कटारिया ने अंबेडकर जयंती पर एक वीडियो में अंबेडकर के जीवन से जुड़ी जो बाते कह रहे थे उसमें उनकी भाषा का स्तर ठीक नहीं था।
मेवाड़ परिवार के पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी व एचआरएच ग्रुप के चेयरमैन अरविंद सिंह मेवाड़, लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ व उनकी पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने भी सोशल मीडिया पर महाराणा प्रताप को लेकर जो पोस्ट की वह वायरल हो रहे हैं। चेयरमैन अरविंद सिंह ने ‘जहां प्रताप की धरती पर प्रताप के लिए यह भाषा मंजूर नहीं’ से संबंधित पत्रिका की खबरों को पोस्ट किया। वहीं, लक्ष्यराजसिंह ने लिखा कि ‘महाराणा प्रताप के संघर्ष को कोई कलम नहीं रच सकती, उनका नाम ही शौर्य और संघर्ष का पर्याय है। प्रात:स्मरणीय महाराणा प्रताप के लिए भाषा की मर्यादा कैसे भूली जा सकती है? वीर शिरोमणि प्रताप को आदर्श बताने वाले जोश में शब्दों के चयन का होश न खोएं। एक शेर है..कौन सी बात, कब कैसे कही जाती है, ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है। जय हिंद।’ इस पोस्ट पर 18 हजार से अधिक लाइक्स मिले। वहीं, निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने इंस्टाग्राम पर वो वीडियो शेयर किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते नजर आ रहे हैं, हम महाराणा प्रताप की परंपरा के हैं.. किसी को छेड़ते नहीं हैं, किसी ने छेड़ा तो छोड़ते भी नहीं हैं।

उदयपुर में आक्रोश रैली 22 अप्रेल को

उदयपुर. सर्व समाज 22 अप्रेल को उदयपुर में कटारिया के खिलाफ आक्रोश रैली निकालेगा। यह निर्णय गुरुवार को भुवाणा स्थित मीरा मेदपाट में सर्व समाज के पदाधिकारियों की बैठक में किया गया। अध्यक्षता मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के केंद्रीय उपाध्यक्ष शक्ति सिंह कारोही ने की। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर व जय राजपुताना संघ के संस्थापक भंवर सिंह रेठा ने भी भाग लिया। बैठक में सर्व सहमति से निर्णय किया गया कि जब तक भाजपा की ओर से कटारिया को नेता प्रतिपक्ष के पद से नही हटाया जाता किसी प्रकार की कोई माफी स्वीकार नही होगी। इसी को लेकर सर्वसमाज व संगठनों की तरफ से 18 अप्रेल को उदयपुर में एक रैली का आयोजन किया जाएगा जिसमे प्रदेश भर से सर्व समाज के नेता व आम नागरिक भाग लेंगे, रैली का नाम आक्रोश रैली दिया गया है। बैठक में प्रदीप शर्मा,पुष्पेंद्र शर्मा, युवराज श्रीमाली, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा जिला अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह रलावता, महासभा शहर उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह पाखंड, महासभा केंद्रीय महामंत्री तनवीर सिंह थाना, क्षत्रिय विकाश संस्थान के महेंद्र सिंह चौहान, वागड़ क्षत्रिय महासभा के बांसवाड़ा प्रतिनिधि अशोक सिंह मेतवाला, अजय सिंह, बीएन ओल्ड बॉयज से कल्याण सिंह भींडर, दिलीप सिंह राजावत, भानुप्रताप सिंह थाना, सूर्यपाल सिंह कछावा, शूरवीर सिंह कच्छावा, कुलदीप सिंह झाला, पार्षद गौरव प्रताप सिंह आदि ने भाग लिया।
इधर, सर्व समाजजन ने चेतक सर्कल पर कटारिया का के खिलाफ प्रदर्शन किया। डॉ विवेक कटारा, ओनार सिंह सिसोदिया, निर्भय सिंह देवड़ा, रियाज़ हुसैन, जय निमावत, अक्षय चौधरी आदि उपस्थित थे। इधर, पुरोहितों की मादड़ी में रोड़ नम्बर दो पर भी प्रदर्शन किया गया।
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने जिला सचिव सुभाष श्रीमाली, हिम्मत चांगवाल, डॉ प्रीतम जोशी, गोविंद कलासुआ, घनश्याम सिंह तावड़ आदि ने संयुक्त बयान जारी कर कटारिया के बयान की निंदा करते हुए कटारिया से इस्तीफा मांगा।

प्रताप गौरव केन्द्र सवालों के जवाब दे?
इतिहासकारों ने प्रताप के अपमान को लेकर प्रताप से जुड़ी संस्थाओं के चुप रहने पर सवाल खड़े किए है। बीएन विवि के ट्यूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट विभाग की विभागाध्यक्ष डा. रूचि सिंह तंवर, विद्या प्रचारिणी सभा के सदस्य एवं प्रताप शोध प्रतिष्ठान के सलाहकार बलवंत सिंह शिशवी, पेसिफिक विवि के इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अजात शत्रु शिवरती, बीएन विवि के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डा. भानु कपिल, इतिहासकार डा. जी.एल. मेनारिया, शोधार्थी उमा भारती व प्रनसिंह सोढ़ा ने एक संयुक्त बयान में कटारिया की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई।

ये खड़े किए सवाल
– प्रताप के अपमान के बाद भी प्रताप गौरव केन्द्र, हल्दीघाटी संग्रहालय व प्रताप के नाम पर पुरस्कार, फेलोशिप आदि प्राप्त करने वाले मौन क्यों है?
– पूर्व में भी भाजपा के मंच पर प्रताप का अपमान हुआ था तब भी केन्द्र मौन क्यों रहा?
– इतिहास की पुस्तकों में सांगा, पन्नाधाय के नाम हटाने जैसी घटनाओं पर केन्द्र मौन क्यों?
– गौरव केन्द्र के प्रोजेक्ट पर करीब 100 करोड़ खर्च कर व्यवसायिक लाभ उठाने के बाद प्रताप के जीवन से जुड़े मूल स्थान कुंभलगढ़, गोगुंदा, हल्दीघाटी, खमनोर, चेतक समाधि व चावंड आदि स्थानों की सुध क्यों नहीं ली जा रही?
भावना ओर जोश में बह गए कटारिया, उनके भाव सही थे : विक्की राणावत
राजसमंद मूल के रहने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक विक्की राणावत ने एक बयान में कहा कि कटारिया की टिप्पणी से मै बहुत आहत हुआ। महाराणा प्रताप फिल्म निर्माण को लेकर उनसे जब मेरा मिलना हुआ तब प्रताप का गुणगान करते हुए उनकी वीरता, साहस और पराक्रम की शौर्य गाथा का उन्होंने बखान किया था लेकिन सोच भी नहीं सकता कि वे ऐसी टिप्पणी कैसे कर सकते है। विक्की ने बताया कि कटारिया ने स्पष्टीकरण लेने उनके घर पर मुलाकात की। विक्की बताते कि जब उन्होंने इस बात को रखा तो वे भावुक हो गए और दु:खी और द्रवित होते माफी के भाव में बोले कि आवेश में गलती हो गई लेकिन माफी भी मांग ली, राणावत ने कहा कि कटारिया से मुलाकात के बाद उनकी भावनाओं को समझा तो वे इसको लेकर बहुत दु:खी है, मेरा मानना है कि गलती की स्वीकारोक्ति माफी के काबिल है। विक्की ने कहा कि पूरा भाषण सुने तो प्रताप पर दिया उदाहरण व भाव सही थे पर शब्दो की भाषा का प्रयोग ठीक नहीं था
भाजपा नेता बोले क्षमा का भाव रखे क्षत्रिय समाज

भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, महापौर गोविंद सिंह टांक, उप महापौर पारस सिंघवी, शहर जिला उपाध्यक्ष प्रेम सिंह शक्तावत, शहर जिला महामंत्री डॉ किरण जैन, गजपाल सिंह राठौड़, शहर जिला मंत्री दीपक बोल्या, सुशील जैन, अमृत मेनारिया, मीडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इन नेताओं ने कहा कि कुंवारिया में कटारिया के सम्बोधन का सम्पूर्ण मन्तव्य महाराणा प्रताप के निस्वार्थ त्याग व संघर्ष को निरूपित करना था, इन नेताओं नेताओं ने कटारिया के शब्दों से आहत हुए क्षत्रिय समाज से क्षमा का भाव रखते हुए समाप्त करने का आग्रह किया।
राजसमंद में कटारिया पर करणी सेना का हल्लाबोल
राजसमंद. कटारिया की टिप्पणी को लेकर राजपूत करणी सेना ने राजसमंद में रैली निकाली और कलक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन किया। सेना ने कटारिया को पद से हटाने की मांग तेज कर दी। गुरुवार को पीपरड़ा बस स्टैण्ड पर एकत्र राजपूत समाज की युवा रैली के रूप में रवाना हुए। गोमाता सर्कल, मुखर्जी चौराहा, जेके मोड़, पुराना बस स्टैण्ड, जलचक्की 100 फीट रोड, कलक्ट्रेट होते हुए आक्रोश रैली पुरानी कलक्ट्रेट पहुंची। अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कार्यकर्ताओं को शपथ दिलवाई कि कटारिया के हटने तक विरोध करें। जिलाध्यक्ष चंद्रभानसिंह मोयणा ने बताया कि कटारिया शब्दों के गलत चयन और उसके बाद सफाई देने से भाजपा के पाप नहीं धुल सकते। वाहनों का काफिला कई किलोमीटर लंबा था।
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