देव प्रबोधिनी एकादशी पर हुआ तुलसी विवाह, घर-घर जगमगाए दीप

देवों के जागने के साथ मांगलिक कार्यों का शुभारंभ, मनाई छोटी दीपावली, पीछोला में किया दीपदान

उदयपुर. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर बुधवार को देवउठनी एकादशी मनाई गई। देव जागने पर इस दिन से सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो गए। इस अबूझ मुहूर्त पर कोविड-19 की गाइडलाइंस और नाइट कफ्र्यू को ध्यान में रखते हुए शहर में जगह-जगह विवाह के आयोजन हुए। वहीं, मंदिरों में तुलसी विवाह के कार्यक्रम हुए तो छोटी दिवाली मनाते हुए लोगों ने घरों में दीप जगमगाए और झील किनारे दीप दान किया।
जगदीश मंदिर में हुआ तुलसी विवाह
देवउठनी एकादशी पर मंदिरों में विविध आयोजन हुए। इसके तहत कई जगह तुलसी विवाह का आयोजन भी हुआ। जगदीश मंदिर के पुजारी गजेंद्र ने बताया कि सुबह 6 बजे मंगला आरती हुई। 6.30 बजे पंचामृत अभिषेक के बाद भगवान जगदीश और लक्ष्मीजी को तुलसी विवाह का विशेष शृंगार धराया गया। शाम 4.30 बजे से पंडित के मंत्रोच्चार के साथ तुलसी विवाह की रस्में शुरू हुईं। रस्में करीब दो घंटे तक चली। शाम करीब 6.15 बजे ठाकुरजी की आरती की गई। इसके बाद संध्या आरती हुई। पं. गजेंद्र ने बताया कि प्रतिवर्ष तुलसी विवाह का आयोजन संध्या आरती के बाद होता है और शालिग्राम जी की बारात भी आती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह आयोजन सांकेतिक ही रखा गया। बारात का आयोजन नहीं रखा गया। कार्यक्रम शाम 4.30 बजे शुरू किया गया। रात आठ बजे बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए। कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। वहीं, श्रीनाथजी की हवेली में एकादशी का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। शृंगार के दर्शन के दौरान गन्ने का मंडप सजाया जाएगा और तुलसी विवाह का आयोजन होगा।

महिलाओं ने किया दीपदान

कार्तिक मास की प्रबोधनी एकादशी ( छोटी दीपावली ) पर कार्तिक मास के व्रत करने वाले महिला-पुरुषों ने बुधवार को पीछोला झील के गणगौर घाट पर स्नान कर के पूजा-अर्चना करने के बाद दीपदान किया। इस दौरान कई झिलमिलाते हुए दीये झील में नजर आए, जिससे खूबसूरत नजारा बन पड़ा।
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