नवरात्र के व्रत, रमजान के रोजे साथ-साथ, चेटीचंड, नवसंवत्सर और बैसाखी भी एक ही दिन

सांप्रदायिक सौहार्द की दिखेगी मिसाल. नवरात्र 13 से और रमजान माह का पहला रोजा 14 से
 

उदयपुर. इस बार एक अजब संयोग बना है, जब अलग-अलग धर्मों के पर्व एक ही दिन व साथ-साथ मनाए जाएंगे। इस बार नवरात्र के व्रत व रमजान के रोजे साथ-साथ ही रखे जाएंगे। दरअसल, 13 अप्रेल को एक ओर जहां नवरात्र शुरू हो रहे हैं, वहीं रमजान माह भी शुरू हो रहा है। इसके अलावा नवरात्र के साथ नवसंवत्सर भी शुरू होगा। नवसंवत्सर के उपलक्ष में गुड़ी पड़वा व बैसाखी पर्व भी मनाए जाएंगे। वहीं, सिंधी समाज चेटीचंड पर्व मनाएगा, लेकिन इस बार ये सभी आयोजन कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही मनाए जाएंगे।

रमजान व नवरात्र की होने लगी तैयारियां

मुस्लिम व बोहरा समाजजन रमजान की तैयारियों में जुटे हंै। 13 को चांद के दीदार होते हैं तो मुस्लिम समाज 14 को पहला रोजा रखेगा। यदि नहीं तो फिर 15 अप्रेल से रोजे शुरू होंगे। वहीं, बोहरा समाजजन 11 अप्रेल से रमजान की शुरुआत मानते हुए 12 अप्रेल को पहला रोजा रखेंगे। इसके लिए बाजारों में भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वहीं, रमजान के बाद आने वाली ईद के लिए भी अभी से झब्बे-कुर्ते आदि सिलाने के ऑर्डर दिए जाने लगे हैं। इधर, नवरात्र की बात करें तो इसके लिए शहर के माताजी के मंदिरों में भी तैयारियां होने लगी हैं। शहर के नीमज माता, अंबामाता, बेदला माता, आवरी माता आदि मंदिरों में सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही कार्यक्रम किए जाएंगे। भक्तों को भी उसी अनुरूप प्रवेश मिलेगा।

बैसाखी और चेटीचंड भी साथ
नवरात्र के पहले दिन 13 अप्रेल को ही सिख धर्म के लोग गुरुद्वारों में बैसाखी के मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष विशेष अरदास करेंगे। वहीं, सिंधी समाज अपने आराध्य भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव यानी चेटीचंड पर्व मनाएगा। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण समाज की ओर से निकाली जाने वाली शोभायात्रा स्थगित की गई है। वहीं, इस दिन होने वाले कार्यक्रम भी कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार ही होंगे।
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