कर योग्य आय की सीमा 7.50 लाख कर देें आज भारतीय अर्थव्यवस्था में तकनीकी मंदी का दौर चल रहा है। सरकार ने इस विकट समस्या के समाधान के लिए, अर्थव्यवस्था में आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई पैकेजेस की घोषणा की किंतु उसके सार्थक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था में मांग उत्पन्न करने के लिए विशेष कार्य करने होंगे। सरकार को अर्थव्यवस्था में मांग उत्पन्न करने के लिए व्यष्टि करदाताओं के लिए न्यूनतम कर योग्य आय की सीमा को ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपए कर देना चाहिए। ताकि लोगों के पास अतिरिक्त राशि बचेगी। जिससे अर्थव्यवस्था में चाल मांग के रूप में उत्पन्न होंगी। लगभग 6.31 प्रतिशत करदाता कुल कर-संग्रह का 79.15 प्रतिशत कर की राशि चुकाते हैं और 93.69 प्रतिशत करदाता केवल 20.85प्रतिशत कर चुकाते हैं। ऐसी स्थिति में आयकर विभाग पर काम का दबाव कम हो जाएगा और सरकार को आगम का नुकसान भी ज्यादा नहीं होगा।
– शूरवीर सिंह भाणावत, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग, सुविवि
– शूरवीर सिंह भाणावत, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग, सुविवि
शताब्दी एक्सप्रेस के मार्ग को उदयपुर तक बढ़ाए आय कर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की जाए, धारा 80टीटीए के तहत छूट को 10000 से बढ़ाकर 25000 करना चाहिए। कोविड-19 के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए पीएम केयर फंड में किया गया दान अधिनियम 80जी के तहत 100 प्रतिशत कटौती के लिए पात्र है, लेकिन इस बीमारी के ट्रीटमेंट पर किए गए खर्चों के लिए कोई कटौती घोषित नहीं की गई, ऐसे में 1 लाख रुपये तक कटौती का प्रावधान करना चाहिए। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर छूट सीमा 2.5 लाख सालाना में 2014-15 से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, इसे और सरल बनाने और शुद्ध डिस्पोजेबल आय को बढ़ाने के उद्देश्य से इस पर विचार किया जाना चाहिए। शताब्दी एक्सप्रेस के मार्ग को उदयपुर तक बढ़ाया जाए, इसके माध्यम से जयपुर से दिल्ली एवं अहमदाबाद से मुंबई तक जोड़ा जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में उदयपुर को बढ़ावा मिले।
– हेमंत जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष यूसीसीआई उदयपुर
राजस्थान रेवेन्यू ज्यूडिशियल सर्विसेज का गठन हो कोविड-19 की वजह से विधि का क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है ऐसे में बजट में अधिवक्ताओं के लिए इनकम टैक्स में रियायत के साथ ही विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। तीन लाख रुपए तक का बिना ब्याज लोन की व्यवस्था का प्रावधान किया जाना चाहिए। राज्य बजट में सरकार राजस्थान रेवेन्यू ज्यूडिशियल सर्विसेज के गठन करने की घोषणा करें।
– मनीष शर्मा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन उदयपुर
– मनीष शर्मा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन उदयपुर
रजिस्ट्री व स्टाम्प से उपकर हटाए राज्य सरकार को आम आदमी को राहत के लिए बजट में रजिस्ट्री एवं स्टाम्प पर लगाए गए उपकर एवं सरचार्ज हटाने चाहिए। यूडी टैक्स की गणना डीएलसी से ना कर रिर्जव प्राइज करने की घोषणा करें। कोविड के इस संकट में सरकार पेट्रोल-डीजल की दर घटाकर तथा विद्युत शुल्क पर जो अन्य उपकर एवं चार्ज लगाए गए है उन्हें हटाकर राहत दें।
– नितिन पोखरना, सिविल इंजीनियर
केन्द्र बी-2 का दर्जा दे उदयपुर को आयकर की सीमा छूट पांच लाख करते हुए सटैंडर्डं डिडेकशन छूट 60 हजार की जाए। बचत डेढ लाख़ के बजाय दो लाख करे। केन्द्रीय वित मंत्री जनवरी 2020 का फ्रीज 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने के आदेश जारी करे। बकाया जुलाई 20 का मंहगाई भत्ता की घोषणा करें तो केन्द्रीय बजट में उदयपुर शहर बी-2 शहर का दर्जा दिया जाए। 2004 बाद नियुक्त कर्मचारियो को पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
– ओमप्रकाश श्रीमाली, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान स्टेट स्टेनोग्राफर एसोसिएशन
– ओमप्रकाश श्रीमाली, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान स्टेट स्टेनोग्राफर एसोसिएशन
पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाएं केन्द्र व राज्य दोनों को ही बजट में टैक्स में कटौती कर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने की घोषणा करनी चाहिए। इसका असर बाजार से लेकर किचन तक होगा और राहत मिलेगी। मध्यम वर्ग के लिए भी सरकार को बजट में कुछ विशेष घोषणा करके राहत देनी चाहिए।
– अभिषेक पोखरना, युवा
– अभिषेक पोखरना, युवा