16 अक्टूबर से शुरू होगा वन स्टॉप पोर्टल के बारे में यूपी टूरिज्म पहले घोषणा कर चुका था लेकिन ये अब लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है। जनता इसे 16 अक्टूबर से एक्सेस भी सर सकेगी। इस पर होटल बुकिंग, टिकट बुकिंग, गाइड बुकिंग, वाहन बुकिंग सब एक ही साथ उपलब्ध हो जायेगी। यही नहीं आप को लखनऊ के कबाब पराठे का मजा लेना है या पूर्वांचल के बाटी चोखा का स्वाद चखना है, आप बनारस की मशहूर साड़ियां खरीदना चाहते हैं या अवध की चिकनकारी के कपड़े खरीदना चाहते हैं तो उसकी भी सारी जानकारी इसी पर मिल जायेगी। टूरिस्ट स्पॉट जाने के रास्ते से लेकर कहां से क्या खरीदें और वहां तक कैसे पहुंचें, इस बारे में पूरी जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
-OSTS (One stop travel solutions ( वन स्टॉप ट्रैवल सॉल्यूशन के तहत बनेगा पोर्टल) इन आठ भाषाओं में ये पोर्टल होगा-
हिंदी, इंग्लिश, फ्रेंच, जापानी, जर्मन, स्पेनिश, अरेबिक, रशियन पहले पोर्टल फिर ऐप
हिंदी, इंग्लिश, फ्रेंच, जापानी, जर्मन, स्पेनिश, अरेबिक, रशियन पहले पोर्टल फिर ऐप
रीजनल टूरिस्ट ऑफिसर कीर्ति ने बताया कि पहले पोर्टल लॉन्च होगा। इसके बाद ऐप आएगा। इस ऐप के जरिए विदेशी व यूपी से बाहर से आने वाले सैलानियों को काफी लाभ मिलेगा।प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने भी एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि दूर दराज बैठे लोग जो उत्तर प्रदेश की यादों को अपने अन्तर्मन में संजोना चाहते हैं, वे ट्रैवल एजेंसियों और ट्रैवल एजेंट के सहारे प्रदेश में घूमने का कार्यक्रम बनाते हैं। इन लोगों की परेशानियों को देखते हुए राज्य का पर्यटन विभाग इस पोर्टल की शुरुआत करने जा रहा है।
बुद्ध सर्किट का खासा ध्यान बौद्ध धर्म मानने वाले काफी पर्यटक यूपी के सारनाथ, कुशीनगर, वाराणसी जाते हैं। ये तीनों जगह बुद्धिस्ट सर्किट के अंदर आती हैं। सरकार का इस पर काफी फोकस है। यही कारण है कि थाई भाषा को भी पोर्टल में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा फ्रांस और जर्मनी से भी बुद्ध धर्म मानने वाले कई टूरिस्ट आते हैं। बुद्ध सर्किट को डिवेलप करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी काफी मदद की जा रही है।
धार्मिक पर्यटन पर जोर प्रदेश की योगी सरकार का धार्मिक पर्यटन पर काफी फोकस दिखा है। हाल ही में सरकार ने धार्मिक स्थलों को बड़े टूरिस्ट प्लेसेज बनाने के लिए प्रयास भी शुरू किए हैं। प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी के मुताबिक, बनारस हो या आगरा, अयोध्या हो या नैमिषारण्य, लखनऊ हो या इलाहाबाद, चित्रकूट हो या दुधवा, सारनाथ हो या कुशीनगर ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं जहां देश विदेश के दूर दराज में बैठे लोग यहां आकर इन यादों को संजोना चाहते हैं। यहां धर्म है, अध्यात्म है, संस्कृति है, तहजीब है और सबसे बढ़कर गंगा जमुनी संस्कृति है। अवस्थी ने कहा कि यूपी सरकार चाहती है कि जो भी पर्यटक उत्तर प्रदेश आएं वे अपने साथ खूबसूरत यादें लेकर वापस जाएं ताकि वह यहां बार बार आना पसंद करें।