अब ट्रेनों में लगेंगे ऐसे कोच कि मोड़ पर भी नहीं कम होगी रफ्तार

परंपरागत भारतीय कोच हटाने की तैयारी हो तेज, कोहरारोधक एलईडी लाइटें लगेंगी

<p>Firing in a moving train one injured</p>

छिंदवाड़ा/नागपुर. अब ट्रेनों की गति मोड़ पर भी धीमी नहीं पड़ेगी। जल्द ही देश के सभी हिस्सों में दौड़ रही ट्रेनें नई एलएचबी कोचों के साथ दौड़ती दिखाई देगी। नए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सभी रेल जोन के महाप्रबंधकों और मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों के साथ रेल व यात्री सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने बैठक में मौजूद कोच निर्माण फैक्ट्री के निदेशकों को भी निर्देश देते हुए कहा कि अब परंपरागत आईसीएफ कोचों के निर्माण पर ताला लगा दिया जाए और उनके स्थान पर एलएचबी कोच बनाने का निर्माण तेज हो ताकि जल्द से देश की सभी ट्रेनों में इस कोच का उपयोग हो सके। इस बैठक में मध्य रेल जोन के महाप्रबंधक डीके शर्मा और दक्षिण पूर्व मध्य रेल जोन के सोइन सिंह भी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि ये कोच वजन में हल्की होने के साथ ही अधिक यात्री क्षमता रखती है। इसके अलावा इसमें डिस्क ब्रेक भी होती है। वहीं, कोच के व्हील्स में स्पेशल मैकेनिज्म के चलते मोड़ पर ट्रेनों की गति बहुत अधिक कम करने की जरूरत नहीं होती।
यात्रियों की सुरक्षा पर जोर
हालांकि पिछले कुछ महीनों से ही एलएचबी कोच की संख्या बढ़ाने के साथ ट्रेनों में इनका उपयोग भी किया जाने लगा था लेकिन साथ ही आईसीएफ कोच भी बनाई जा रही थी, लेकिन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से एलएचबी का उत्पादन तेज किया जाए।

कोहरे का लेकर अभी से हो जाओ सतर्क


कुछ ही महीनों में ठंड का मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में उत्तर और पूर्व भारत से चलने वाली ट्रेनों पर कोहरे की मार हर वर्ष की बात है। घने कोहरे के चलते जहां ट्रेनें घंटों देरी से चलती है तो वहीं, दुर्घटनाएं भी रोज की बात हो जाती है। गोयल ने महाप्रबंधकों से कहा कि वे सभी अपने-अपने जोन से चलने वाली ट्रेनों पर कोहरे को लेकर तैयारियां शुरू कर दी जाए। इंजनों में कोहरारोधक एलईडी लाइटें लगाई जाएं, ताकि मौसम की मार के बावजूद ट्रेनें और यात्री दोनों सुरक्षित रह सके। इसके अलावा पटरियों को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किये गए। गोयल ने निर्देश दिए कि पटरियों को बदलने में किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए। दुर्घटना की संभावनाओं वाले ट्रैक सेक्शन पर पूरी सतर्कता बरती जाए। नई पटरियां खरीदने के काम में तेजी लाए जाए ताकि नई लाइनों के निर्माण का कार्य तेजी से पूरा हो सके।
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