ट्रेन से उतरते समय युवती गिरी, आरपीएफ ने किया रजिस्टर मेंटेन और चलते बने

-युवती को अस्पताल जाने के लिए करीब सवा घंटे का इंतजार करना पड़ा

<p>ट्रेन से गिरकर घायल युवती। </p>
रायगढ़. टिटलागढ़ पैसेंजर से एक युवती उतरने के दौरान गिर गई। उसका हाथ टूट गया और दर्द से कराहती है। संजीवनी के इंतजार में जीआरपी में एक घंटे का वक्त बीत गया। इस बीच रही सही कसर आरपीएफ ने पूरी कर दी।, जिसने पीडि़ता को अस्पताल पहुंचाने को लेकर बजाए कोई पहल करने जीआरपी से युवती का नाम पूछ कर उसे अपने रजिस्टर में दर्ज कर चलते बने। करीब सवा घंटे बाद रेलवे स्टेशन पर एक निजी एंबुलेस को बुलाया गया। जिसकी मदद से पीडि़ता को अस्पताल ले जाने की पहल की गई।
जिला मुख्यालय में संंजीवनी 108 के अभाव के बीच ट्रेन से गिर कर घायल हुई एक युवती को अस्पताल जाने के लिए करीब सवा घंटे का इंतजार करना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार मामला सोमवार की सुबह टिटलागढ़ पैसेंजर का है। जब ट्रेन से उतरने के दौरान जांजगीर चांपा के मालखरौदा स्थित चारपारा निवासी रंजीता भारती पिता रघुवंशी भारती 23 वर्ष अनियंत्रित होकर गिर गई। इस घटना में रंजीता का हाथ टूट गया। वहीं उसे शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट आई।
टीवी टावर निवासी अपने मौसा कौशल प्रसाद कुर्रे के साथ आ रही युवती को जैसे-तैसे अतिरिक्त टिकट काउंटर के करीब लाया गया। इस बीच जीआरपी जवान दिनबंधु सिंह, संजीवनी 108 को 23 बार फोन कर चुके थे। पर बार-बार यहीं जवाब मिलता कि मुख्यालय में संजीवनी 108 वाहन उपलब्ध नहीं है। दो वाहन है, जिसमें एक नंदेली जबकि दूसरा केनापाली गई हुई है। संजीवनी के इंतजार में जीआरपी ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया।
लेेटलतीफी से मौसा हो गया था नाराज – संजीवनी के इंतजार में जब एक घंटे से अधिक का समय बीत गया तो पीडि़ता का मौसा का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। जो पीडि़त युवती के साथ था। जब निजी एंबुलेंस सेे पीडि़ता को शासकीय अस्पताल में ले जाने की पहल की जा रही थी तो उसने विरोध किया। वहीं पीडि़ता को शासकीय अस्पताल में ले जाने की बजाए निजी अस्पताल ले गया।
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