बेंगलूरु मंडल के पांच और रेल स्टेशनों के लिए आईएसओ

डीआरएम ने प्राप्त किया प्रमाण पत्र

<p>बेंगलूरु मंडल के पांच और रेल स्टेशनों के लिए आईएसओ</p>
बेंगलूरु. दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलूरु रेल मंडल के पांच और स्टेशनों को आईएसओ १४००४:२०१५ प्रमाण पत्र दिया गया है। मंडल रेल प्रबंधक अशोक कुमार वर्मा को बुधवार को पांच स्टेशनों के लिए आईएसओ १४००१:२०१५ प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। इनमें कुप्पम, चन्नपट्टण, मंड्या, हिंदूपुर और मालूर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
ट्रेन परिचालन, सिग्नल और दूरसंचार, स्टेशन रखरखाव, यात्री टिकट बुकिंग, सार्वजनिक उपयोगिताओं के प्रावधान और अन्य सुविधाओं और हैंडलिंग के लिए सेवाओं के संबंध में नियत प्रक्रियाओं और प्रलेखन के बाद मैसर्स क्वेस्ट प्रमाणन चेन्नई ने इन स्टेशनों को प्रमाण पत्र प्रदान किया है। इसके साथ ही एनएसजी -1 से एनएसजी -4 की श्रेणी में बेंगलूरु मंडल के सभी 17 रेलवे स्टेशनों को आईएसओ 14001: 2015 प्रमाण पत्र मिला है। केएसआर बेंगलूरु, मंडल का एकमात्र स्टेशन है जो (नॉन सबअरबन ग्रुप) एनएसजी 1 श्रेणी में आता है। यहां 500 से अधिक करोड़ के राजस्व के साथ स्टेशन और डिवीजन के 20 मिलियन से अधिक यात्रियों की आवाजाही होती है। इसके लिए 8 सितंबर 2020 को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला था। मंडल का यशवंतपुर एकमात्र एनएसजी-2 श्रेणी का स्टेशन है। यहां 100 करोड़ और 500 करोड़ के साथ 10 से 20 मिलियन वार्षिक रूप से यात्रियों की आवाजाही होती है। इस स्टेशन को 07 अगस्त को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला था।
5 एनएसजी -3 श्रेणी स्टेशनों में से 20 करोड़ के बीच राजस्व के साथ स्टेशन और 05-10 मिलियन वार्षिक यात्री की आवाजाही वाले बेंगलूरु छावनी, बंगारपेट, केंगेरी और कृष्णाराजपुरम रेलवे स्टेशनों को 30 अप्रेल २०१९ को तथा मंड्या को २८ अक्टूबर को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है।
सभी 10 एनएसजी 4 श्रेणी स्टेशनों को जहां 10 करोड़ और 20 करोड़ के बीच राजस्व के साथ स्टेशन और 02से 05 मिलियन वार्षिक यात्री की आवाजाही होती है आईएसओ प्रमाण पत्र मिल चुका है। चार स्टेशन, हिंदूपुर, मालूर, कुप्पम और चन्नपटण को बुधवार को प्रमाण पत्र मिला है। अन्य स्टेशन श्रीसत्य साईं प्रशांतिनिलयम को ३० अगस्त २०१९ को, होसूर, रामनगर, तुमकुर, व्हाइटफील्ड और येलहंका को ७ अगस्त २०२० को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है। गौतलब है कि बेंगलूरु मंडल में 132 स्टेशन हैं। इससे दक्षिण पश्चिम रेलवे को क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) रैंकिंग के अगले दौर में बेहतर ग्रेड प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जो स्वच्छता मानकों के लिए रेलवे स्टेशनों को दी जाएगी।
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