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प्रतिदिन एक सेमी की रफ्तार से घट रहा है बीसलपुर बांध में पानी

बीसलपुर बांध : कुल जलभराव का ५९ प्रतिशत पानी रहा, गेज ३१३.१४ आर एल मीटर दर्ज

टोंकOct 26, 2020 / 09:26 am

Vijay

प्रतिदिन एक सेमी की रफ्तार से घट रहा है बीसलपुर बांध में पानी



राजमहल. जयपुर व अजमेर सहित टोंक जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया व जलभराव में बरसात की कमी के कारण बांध में पानी की आवक कम होने से बांध की दायीं व बायीं मुख्य नहरों सहित वितरिकाओं से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बांध में पानी की कमी को मध्यनजर रखते हुए जल संसाधन विभाग के साथ ही राज्य सरकार भी अब जिले में सिंचाई के पानी छोडऩें को लेकर चिंतित नजर आने लगी है। बांध में इस बार पानी की आवक कम रहने के साथ ही रोजाना जयपुर व अजमेर सहित टोंक जिले में की जा रही जलापूर्ति व वाष्पीकरण के साथ ही अन्य खर्च को लेकर रोजाना एक सेमी की रफ्तार से बांध का गेज घटने लगा है। बांध के कन्ट्रोल रूम अनुसार बांध का गेज गत ११ सितम्बर को ३१३.५१ आरएल मीटर पर आकर ठहर गया था, जो बांध के करीबी क्षेत्र में मामूली बरसात होने के साथ ही डाई व खारी नदियों से पानी की आवक बनी रहने के कारण बांध का गेज जलापूर्ति में निकासी होने के बाद भी ११ से १७ सितम्बर तक ३१३.५१ आर एल मीटर पर स्थिर रहा था। जिसमें २४.९०६ टीएमसी पानी का कुल जलभराव था। १८ व १९ सितम्बर को फिर से बांध का गेज ३१३.५० आर एल मीटर पर रूक गया था। उसके बाद रोजाना एक सेमी की रफ्तार से गेज घटने लगा था। फिर गत २७ सितम्बर को मामूली बरसात के कारण फिर बांध का गेज यथास्थिति में दर्ज किया था। इस प्रकार दस दिन तक बांध का गेज स्थिर व २३ दिन तक रोजाना एक सेमी गेज घटने के कारण बांध से पिछले ४६ दिनों के दौरान कुल ४६ सेमी की कमी दर्ज हुई है। बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता आर सी कटारा ने बताया कि बांध से नहरों में पानी छोडऩे का निर्णय राज्य सरकार व जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारी करते आए हैं। बीसलपुर बांध बनने के बाद से अब तक २०१७ में सबसे कम गेज ३१३.९३ आर एल मीटर पर नहरों से पानी छोड़ा गया है, जिसमें आठ टीएमसी की जगह चार टीएमसी पानी ही नहरों व वितरिकाओं में छोड़ा गया था। इस बार २०१७ से भी काफी कम गेज होने के कारण नहरों से पानी छोड़े जाने की कम ही संभावना नजर आ रही है।
बांध के कुल जलभराव में ३१५.५० आर एल मीटर गेज होने पर कुल ३८.७० टीएमसी पानी भरता है। जिसमें १६ टीएमसी पानी जलापूर्ति, ५ से ६ टीएमसी पानी वाष्पिकरण व अन्य खर्च, आठ टीएमसी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित रखा गया है। अभी बांध में रविवार सुबह का गेज ३१३.१४ आर एल मीटर दर्ज किया गया है।
कम गेज में अधिक होता खर्च
बीसलपुर बांध परियोजना अभियंताओं के अनुसार बांध का गेज जब पूर्ण जलभराव होता है तो बांध से पानी का खर्च कम गति से होता है। वहीं जब बांध में पानी की मात्रा कम होती है तो बांध से जलापूर्ति व वाष्पीकरण में अधिक पानी खर्च होता है। ऐसा माना जाता है कि बांध बनने के बाद बांध के नीचे की ओर मिट्टी, कचरा आदि का जमाव भी माना जा रहा है। बांध में पानी की आवक के दौरान जब कम पानी का भराव होता है ओर पानी की आवक होती है तब बांध में जल्दी पानी का भराव होता है वही जब ज्यों-ज्यों बांध का जलभराव बढ़ता जाता है तो ऊपर की ओर बांध का गेज धीरे-धीरे बढऩे लगता है। जिसमें पानी की मात्रा की भी अधिक आवश्यकता होती जाती है। बांध से जलापूर्ति एक नजर मेंबीसलपुर बांध पेयजल परियोजना जयपुर व्रत के अधिक्षण अभियंता सुधांशु दिक्षित ने बताया कि बांध से रोजाना जयपुर शहर के लिए ४८० एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है जो पानी रोजाना जयपुर शहर को दिया जा रहा है। वही दूदू-चाकसू पेयजल परियोजना के लिए बांध से रोजाना ९० एमएलडी पानी लिया जा रहा है। इसी प्रकार अजमेर पेयजल परियोजना के लिए बांध से रोजाना ३०५ एमएलडी पानी लिया जा रहा है। परियोजना के सहायक अभियंता राम निवास जांगीड़ ने बताया कि परियोजना के तहत लिया जा रहा पानी अजमेर व जिले के अन्य सैकड़ों गांव व कस्बों में प्रति ४८ घंटों में एक बार जलापूर्ति की जा रही है। बांध से रोजाना ४३ एमएलडी पानी रोजाना टोंक, उनियारा व देवली शहरों के साथ गांव व कस्बों में दिया जा रहा है।

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