30 लाख से पंचायत ने बनाया था मॉडल तालाब, पालिका ने गंदे पानी से भरा

एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की तर्ज पर सुविधाएं विकसित करने की कवायद लगातार की जा रही है। गांवों में मॉडल तालाब, स्कूल, चिकित्सा, उद्यान, सडक़ें ,घर-घर नल कनेक्शन द्वारा पेयजल, सफाई सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं लाखों खर्च के बाद भी देवली गांव पंचायत का मॉडल तालाब अब पॉलीथीन, कचरा, दूषित गंदे पानी से दुर्दशा का शिकार बना हुआ है।
 

<p>30 लाख से पंचायत ने बनाया था मॉडल तालाब, पालिका ने गंदे पानी से भरा</p>
देवली. एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की तर्ज पर सुविधाएं विकसित करने की कवायद लगातार की जा रही है। गांवों में मॉडल तालाब, स्कूल, चिकित्सा, उद्यान, सडक़ें ,घर-घर नल कनेक्शन द्वारा पेयजल, सफाई सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं लाखों खर्च के बाद भी देवली गांव पंचायत का मॉडल तालाब अब पॉलीथीन, कचरा, दूषित गंदे पानी से दुर्दशा का शिकार बना हुआ है।

शिव सागर तालाब को राज्य सरकार ने मॉडल तालाब में विकसित करने के लिए 6 वर्ष पूर्व महानरेगा अंतर्गत 49 लाख 51हजार की राशि स्वीकृत की थी, जिसमें से ग्राम पंचायत ने 29 लाख 78 हजार की राशि खर्च भी कर दी। मॉडल तालाब में बारिश का पानी नहीं शहर के गंदे पानी को नाले से मोड़ दिया, जिससे तालाब में कचरा, पॉलीथिन एवं गंदा पानी पहुंच रहा है।
गंदगीयुक्त पानी आमजन तो दूर पशुओं के पीने लायक भी नहीं है। उपखण्ड मुख्यालय से जुड़ी देवली गांव ग्राम पंचायत का आबादी क्षेत्र तीन तालाबों के बीच फैला हुआ है। राज्य सरकार ने पंचायत समिति की देवली गांव ग्राम पंचायत में परंपरागत जल स्त्रोत कार्य में शिव सागर को मॉडल तालाब में विकसति कर सुदृढ़ीकरण व सौंदर्यकरण पर वर्ष 2014-15 में श्रम एवं सामग्री मद में 49 लाख 51 हजार स्वीकृत किया, जिसमें से ग्राम पंचायत ने कुल 29 लाख 78 हजार की राशि तालाब पर खर्च कर दी।
यह तालाब सौंदर्य निखार नहीं पा सका है। इसके विपरीत अब इसमें बरसाती पानी की जगह नगर पालिका देवली क्षेत्र से बहकर पॉलीथीन, कचरा, दूषित गंदा पानी पहुंच रहा है। शहर का गंदा पानी सीआईएसएफ परिसर के नेकचाल तालाब में एकत्रित होता है, लेकिन पालिका की नियमित सफाई व्यवस्था की कमी, सडक़ मार्ग के साथ बनाए नाले में शहर का गंदा पानी छोडऩे से मॉडल तालाब दूषित हो गया है।
तत्कालीन कलक्टर ने लगाई थी रोक

नगर पालिका को वैसे तो शहर स्वच्छता के लिए 4 वर्ष पूर्व सम्मान मिला है, जिसकी खूब वाहवाही लूटी गई। वहीं पालिका गंदे पानी को राज्य सरकार द्वारा विकसित किए मॉडल तालाब में पहुंचाकर ग्रामीणों की जिंदगी पर खतरा डाल दिया।
दो वर्ष पूर्व भी तत्कालीन कलक्टर आरसी ढेनवाल जब देवली गांव पंचायत में जनसुनवाई करने आए थे तो ग्रामीणों ने तालाब में गंदे पानी छोडऩे की शिकायत की थी, जिस पर पालिका प्रशासन को अविलंब गंदे पानी को बंद कर पालन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।उसके बाद पालिका ने कुछ दिन पानी रोककर फिर नाले में गंदा पानी छोडऩे से तालाब अब दूषित हो गया है।
कई बीमारियां हो सकती है

मॉडल तालाब में गंदे एवं दूषित पानी की आवक ग्रामीणों के लिए बीमारियों के साथ घातक हो सकता है। जहां तालाब का पानी आमजन के साथ पशुओं के लिए भी सही था,लेकिन दूषित होने के बाद मवेशियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
मॉडल तालाब में गंदे पानी की आवक रोकने के लिए पंचायत प्रशासन सख्त कदम उठाएगी। पालिका प्रशासन से गंदे पानी के नाले को बंद करने पर चर्चा की है। अगर गंदा पानी रोका नही तो पंचायत कार्रवाई करेगी।
शीला कंवर, सरपंच ग्राम पंचायत देवली गांव
सीआईएसएफ के नेकचाल तालाब में पानी की निकासी है। तालाब पर कार्य से नाले का पानी रुकने से देवली गांव की तरफ चला गया। इसको बंद करवा दिया जाएगा।
सुरेश कुमार मीणा, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका देवली
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