मनरेगा श्रमिक बोले: 82 रुपए मिली मजदूरी क्या खाएंगे और क्या बचाएंगे

दूनी. वैश्विक कोरोना महामारी में लगाए गए लॉकडाउन में लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार ने पंचायतों में मनरेगा योजना की ओर से चलाए कार्यों में पंचायत समिति के तकनीकी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने लगी है।

<p>दूनी. बंथली में चल रहे मनरेगा कार्य में ओसत से कम मजदूरी बनाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन को दूनी तहसील कार्यालय जाते श्रमिकों को रोक समझाइश करते सरपंच श्यामसिंह राजावत।</p>
दूनी. वैश्विक कोरोना महामारी में लगाए गए लॉकडाउन में लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार ने पंचायतों में मनरेगा योजना की ओर से चलाए कार्यों में पंचायत समिति के तकनीकी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने लगी है।

श्रमिकों को पड़ रही भीषण गर्मी व लूं में कई किलोमीटर दूर कार्यस्थल पर जाने एवं वहां तपने की कार्य के अनुसार मजदूरी भी नहीं मिल पाई। ऐसा ही मामला सामने आया है जिले की देवली पंचायत समिति व दूनी तहसील के बंथली पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्यों में, जहां भीषण गर्मी, लू व45 डिग्री तापमान में कार्य करने के बावजूद तकनीकी सहायक ने बिना कार्यस्थल पर गए व जांच किए श्रमिकों की औसत से कम 82 रुपए मजदूरी बना भुगतान के लिए ऑनलाइन डाल दी।
श्रमिकों के अनुसार उनकी 160 से 180 रुपए मजदूरी आनी चाहिए थी। औसत से कम डाली गई मजदूरी देख दर्जनों श्रमिक सोमवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर एकत्रित हो गए और विरोध दर्ज कराने दूनी तहसील कार्यालय की ओर रवाना होने लगे।
सूचना पर पहुंचे सरपंच श्यामसिंह राजावत ने देवली विकास अधिकारी से बात कर लापरवाह कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई करने व नियमानुसार कार्य की जांचकर मजदूरी दिलाए जाने का आश्वासन देकर उन्हें रोका।


पंचायत के विजयगढ़ चरागाह में मनरेगा कार्य में खुदाई सहित खरपतवार सफाई के लिए जारी मस्टरोल से कार्य पर गए 88 महिला-पुरुष श्रमिकों ने बताया कि उन्होंने तेरह दिन तक45 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी व लू में सरकार की ओर से निर्धारित समयानुसार मनरेगा में श्रमिक के रूप में कार्य किया।
कार्य के बाद देवली पंचायत समिति के तकनीकी सहायक ने कार्यस्थल पर कार्य देखकर मेजरमेंट बनाने के बजाय देवली ऑफिस में बैठे-बैठे ही कार्यस्थल में कार्यरत मेट से नाप-जोख की जानकारी लेकर प्रति श्रमिक 82 से85 रुपए ओसत मजदूरी बना ऑनलाइन डाल दी। सरपंच राजावत ने बताया कि देवली पंचायत समिति के तकनीकी सहायक विक्रम सिंह ने बिना कार्यस्थल पर आए मेट से नाप-जोख कराकर श्रमिकों की औसत से कम मजदूरी ऑनलाइन डाली है।
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