धर्मकर्म: 71 गांवों के रामधुनी मंडलों ने निकाली प्रभातफेरी, गोविंद के जयकारें से गूंजा कस्बा

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के समापन पर शुक्रवार को सीतापुरा गांव में 71 गांवों से आए रामधनी मंड़लों ने प्रभातफेरी निकाली। प्रभातफेरी के दौरान गोविंद के जयकारें लगाए गए।

<p>धर्मकर्म: 71 गांवों के रामधुनी मंडलों ने निकाली प्रभातफेरी, गोविंद के जयकारें से गूंजा कस्बा</p>
पचेवर. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के समापन पर शुक्रवार को सीतापुरा गांव में 71 गांवों से आए रामधनी मंड़लों ने प्रभातफेरी निकाली। प्रभातफेरी के दौरान गोविंद के जयकारें लगाए गए। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह अल्पहार की व्यवस्था करने के साथ ही पुष्पवर्षा की।
इस अवसर पर कुडली, कुराड़, बनेडिय़ा चारणान, नगर रेहलाना, गागूंदा, उरसेवा, डोरीया, तुंदेड़ा, मोरला, राजपुराबास, बाम्बोलाव आदि सहित 71 गांवों से आए रामधुनी मंडलों द्वारा प्रभातफेरी निकाली गई। पंडि़त लक्ष्मण शास्त्री ने बताया कि सीतारामजी के मंदिर प्रागंण में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था।
कथा के माध्यम से लोगों में धर्म के प्रति आस्था बनाए रखने के साथ ही सद्मार्ग को अपनाने की शिक्षा दी गई। प्रभातफेरी गांव के विभिन्न मार्गों से होकर पुन: कथा स्थल पर आकर विसर्जित की गई। प्रभातफेरी के समापन पर भंडारे का आयेाजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ग्रहण की।

मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न
पचेवर. कस्बे स्थित खिडक़ी घाट बालाजी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीराम दरबार मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हुआ। बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष रामधन मेहरिया ने बताया कि खिडक़ी घाट बालाजी मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद समिति ने मंदिर परिसर में श्रीराम दरबार की स्थापना का निर्णय लिया था।
इसके तहत शुभ मुहुर्त में श्रीराम दरबार में भगवान श्रीराम के साथ ही माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमान की मूर्तियां स्थापित की गई। मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंच कुण्डीय हवन का मंदिर परिसर में हवन किया गया। बालाजी सेवा समिति के लोगों ने बताया कि विभिन्न बोलियों के बाद यजमानों का निर्धारण किया गया।

जीवन में सत्य व अहिंसा की पालना करे
डिग्गी. अग्रवाल सेवा सदन में आचार्य इन्द्रनन्दी व आर्यिका विशुद्धमती के ससंघ सान्निध्य में चल रहे सोलह दिवसीय श्री शांतिनाथ विधान महाअनुष्ठान के तहत शुक्रवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका विशुद्धमती ने कहा कि श्रावकों को हमेशा अपने जीवन में सत्य, अहिंसा सहित जैन सिद्धान्तों का पालन करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को मन, वचन व काय से दु:ख पहुंचाना भी हिंसा की श्रेणी में आता है।
दोपहर में आयोजित श्री शांतिनाथ विधान महाअनुष्ठान में 16 परिवारों के पुण्यार्जक परिवारों की ओर से विधानाचार्य नवीन की देखरेख में मंत्रोच्चारण के साथ कुल 124 अघ्र्य चढ़ाए। वहीं लावा गांव के दिगम्बर जैन मन्दिर में आर्यिका मुक्तिश्री व कनकश्री के सान्निध्य में चल रहे सौलह दिवसीय श्री शांतिनाथ महामण्डल विधान में चम्पालाल, नोरतमल, पारस कुमार जैन के परिवार सहित अन्य श्रद्धालुओं की ओर से पूजा-अर्चना की गई।
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