ग्राउंड रिपोर्ट: कोविड-19 का फण्ड जिला प्रशासन के पास, खर्चों का भुगतान कर रही नगरपरिषद

ग्राउंड रिपोर्ट: कोविड-19 का फण्ड जिला प्रशासन के पास, खर्चों का भुगतान कर रही नगरपरिषद
 

<p>ग्राउंड रिपोर्ट: कोविड-19 का फण्ड जिला प्रशासन के पास, खर्चों का भुगतान कर रही नगरपरिषद</p>
टोंक. कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन को काफी राशि का फण्ड उपलब्ध कराया। इसके बाद सम्बन्धित नगर निकाय और अन्य विभागों ने लोगों की दिलखोल कर मदद भी की, लेकिन जितनी मदद हुई उससे कई गुना राशि तो किराए पर खर्च कर दी गई। कई का किराया इतना दे दिया कि नगर परिषद सही से प्रबंधन करता तो उन्हें खरीद लेता।
ताकि फि र कभी उन्हें काम में लिया सके, लेकिन प्रबंधन की कमी के चलते ऐसा नहीं हुआ और नगर परिषद कर्ज तले दब गई। गौरतलब है कि कोविड-19 से बचाव व लोगों की मदद के लि समाजसेवी संस्थाओं, भामाशाहों सहित दानदाताओं ने दिल खोलकर टोंक की जनता के लिए जिला प्रशासन को रुपए नकद व चेक द्वारा सहायता राशि सहित कई प्रकार की सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराई।
कोविड-19 के तहत की गई व्यवस्थाओं सहित अन्य कार्यों में खर्च हुई राशि का भुगतान करने के लिए 61 लाख 14 हजार से अधिक की राशि के बिल नगर परिषद को भेजे गए हैं। इनमें से अधिकतर का भुगतान नगर परिषद ने कर दिया। अभी भी लाखों रुपए के बिलों का भुगतान करना बाकि है। जबकि नगर परिषद के पास बजट के अभाव में सफाईकर्मियों का कई माह से भुगतान अटका हुआ है।
ऐसे किया साढ़े 56 लाख का भुगतान
कोरोना वायरस संक्रमण का कहर टोंक में एक अप्रेल से शुरू हुआ। इसके साथ ही नगर परिषद ने शहर में बेरिकेड्स लगवाई ताकि लोगों की आवाजाही को रोका जा सके। बेरिकेड्स लिए नगर परिषद ने 7 लाख 9 हजार 571 रुपए खर्च कर दिए। इतने में काफी बेरिकेड्स खरीद ली जाती।
दुकानों व सरकारी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाने के लिए 27 हजार 380 रुपए, फूड पैकेट एक लाख 100 रुपए, हाइपोक्लोराइड के लिए 29 लाख 48 हजार 630 रुपए, कार्बोलिक पाउडर के लिए एक लाख 60 हजार रुपए, फिनाइल के लिए एक लाख 70 हजार रुपए, फोगिंग केमिकल के लिए 49 हजार 680 रुपए, फेस मास्क के लिए 98 हजार 700 रुपए, सूखी राशन सामग्री किट 10 लाख 5 हजार, वार्डवार राशन सामग्री वितरण के लिए वाहन किराया एक लाख 67 हजार 900 रुपए समेत कुल 56 लाख 44 हजार 969 रुपए का भुगतान नगर परिषद की ओर से किया गया। इसके अलावा अन्य कार्यों के लिए लगभग 5 लाख रुपए से अधिक का अतिरिक्त भुगतान भी परिषद की ओर से किया गया। अभी 4 लाख 69 हजार 889 रुपए का भुगतान किया जाना बाकी है।
जिला प्रशासन को मिला बजट
कोरोना काल में लोगों की जरुरतों को पूरा करने के मुख्य मंत्री राहत कोष के लिए दानदाता, भामाशाह व समाजसेवी संस्थाओं सहित कुल 28 लोगों ने चैक व नकदी के रूप में 30 लाख 36 हजार 48 रूपए की राशी सौंपी थी। वहीं डीएम रीलीफ फण्ड में 24 लाख 16 हजार आए थे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री व टोंक विधायक सचिन पायलट ने विधायक कोष से एक करोड़ 40 लाख रुपए प्रशासन को उपलब्ध कराए। राज्य सरकार ने 40 लाख रुपए दिए तथा 47 लाख आपदा राहत से मिले। वहीं पीएम की ओर से पांच लाख 76 हजार भेजे गए। स्वायत्त शासन विभाग से स्वीकृत 25 लाख अब तक नहीं भेजी है।
नगर परिषद के पास बजट का अभाव है। कोविड -19 के लिए परिषद को कही से भी किसी प्रकार की वित्तिय सहायता नहीं मिली है। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन अभी तक नहीं आई है। कोविड-19 मद में जिन बिलों का भुगतान हो गया है और जो बकाया है, उनके लिए जिला कलक्टर से बात कर अतिरिक्त बजट की मांग की जाएगी।
सचिन यादव, आयुक्त नगरपरिषद टोंक
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