इसको स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने पूरा करते हुए 27 नवम्बर 2019 को संसदीय क्षेत्र टोंक व सवाईमाधोपुर में लगभग 650 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर पूरा किया। मेडिकल कॉलेज स्थापना का कार्य केन्द्र प्रायोजित योजना (सेन्ट्रल स्पोस्सर्ड स्कीम) के अधीन किया जा रहा है।
इस योजना के तहत वर्तमान जिला सामान्य चिकित्सालय टोंक को मेडिकल कॉलेज के रूप में क्रमोन्नत किया जा रहा है। इसके निर्माण से टोंक जिले के मरीजों को जयपुर जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेगी। उन्हें अन्यत्र रेफर नहीं करना पड़ेगा। साथ ही चिकित्सा शिक्षा का भी विकास होगा और रोजगार के अवसर भी बढेंग़े।
सांसद जौनापुरिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेज टोंक के निर्माण के लिए गत 12 मार्च को यूसुफपुरा चराई में लगभग 41 बीघा भूमि का आवंटन हो चुका है। सरकार द्वारा नवीन मेडिकल कॉलेज टोंक की स्थापना के लिए अतिरिक्त प्रधानाचार्य नवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय अजमेर डॉ. संजीव माहेश्वरी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है।
इस कॉलेज की प्रक्रियाएं जयपुर स्थित राजस्थान मेडिकल एज्युकेशन सोसायटी (राजमेस) के निदेशक एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से सम्पादित की जा रही है। जिला स्तर पर जिला कलक्टर के निर्देशन में कार्य करने के लिए पीएमओ सआदत चिकित्सालय को अधिकृत किया गया है। नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए उपखण्ड अधिकारी टोंक को नियुक्त किया है।
कॉलेज की स्थापना के लिए 5 जुलाई 2020 को एचएससीसी लिमिटेड नोएडा भारत सरकार के उपक्रम एनबीसीसी (इंडिया) की एक सहायक कम्पनी को कार्यकारी एजेन्सी नियुक्त किया गया है। कॉलेज के लिए गत 25 मार्च को सीपीआर व गत 3 जून को डीपीआर अनुमोदित की जा चुकी है।
सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया ने बताया कि गत 8 जून को मेडिकल कॉलेज की स्थापना की लिए लगभग 139 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। शेष राशि भी समय – समय पर कार्य की प्रगति के अनुसार जारी होती रहेगी। इसके लिए सांसद जौनापुरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का आभार व्यक्त किया है।
नगर परिषद् की ओर से गत 14 जून को फायर एनओसी जारी की जा चुकी है और भवन निर्माण की स्वीकृति भी जल्द जारी करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यावरण संबंधी एनओसी (जल, वायु, ध्वनी एवं मिट्टी के सैम्पल संग्रहण) प्रक्रियाधीन है। अगस्त माह में कार्य प्रारम्भ होना सम्भावित है। गौरतलब है कि चराई क्षेत्र में ही केन्द्र सरकार की ओर से लगभग 11 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित भवन बन कर तैयार है। यूनानी मेडिकल कॉलेज, देवनारायण बालिका आवासीय विद्यालय और नगर परिषद का डम्पिंग यार्ड भी इसी क्षेत्र में मौजूद है।