कोरोना संक्रमण ने पूरे देश को बंद करके रख दिया था। लेकिन इसके बाद भी शासकीय कार्यों को गति देने के लिए तमाम विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आवश्यक कार्यों को घरों से जारी रखा था। घरों से हुए काम के बाद यह तरीका अब सभी को रास आता दिख रहा है। कर्मचारियों की माने तो यह काम ज्यादा अच्छा है। ऐसे न तो काम का पता चलता है और घर में भी पर्याप्त समय मिल जाता है।
इससे उनकी कार्य क्षमता में बड़ोत्तरी होने के साथ ही दबाव भी कम हुआ है। लॉकडाउन के दौरान खनिज विभाग के अधिकारियों ने एवं कर्मचारियों ने भी विभाग के जरूरी कामों को घरों से किया है। इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में भी विभाग के अधिकारियों ने पूरी सहभागिता दर्ज कराई है।
घर से चल सकता है काम: लॉकडाउन के इस अनुभव के बाद खनिज अधिकारी प्रशांत तिवारी का कहना था कि यदि आगे भी जरूरत पड़ती है तो आसानी से काम किया जा सकता है। उनका कहना था कि फील्ड के काम के लिए जरूर बाहर जाना पड़ेगा। खदानों, क्रेशरों की जांच के साथ ही अवैध खनन एवं परिवहन के काम की जांच के लिए जाना जरूरी होगा। वहीं उन्होंने रायल्टी, वाहन पास सहित तमाम व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने के कारण यह पूरा काम घरों से आसानी से होने की बात कहीं है। उनका कहना है कि ऑफिस का 50 प्रतिशत काम आसानी से घरों में किया जा सकता है।
नहीं होगी परेशानी: वहीं माइनिंग के क्लर्क बिलथरिया का कहना था कि इस काम में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। आवश्यकता पडऩे पर ऑफिस आकर भी जरूरी काम निपटाया जा सकता है। उनका कहना है कि लॉकडाउन में आवश्यकता पडऩे पर घर और ऑफिस से काम किया गया है। वर्तमान में भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ह ऑफिस का काम संचालित किया जा रहा है।