मोदी सरकार में दो माह पूर्व कैबिनेट मंत्री के रुप में शामिल हुए वीरेन्द्र कुमार रविवार की सुबह फुर्सत में रहे तो 6.30 बजे के लगभग पुलिस ग्राउण्ड पहुंच गए। यहां पर उन्होंने सुबह से अपनी घूमने वाली टीम के लोगों से मुलाकात की और सभी का हाल-चाल पूछा। घूमने के बाद जब घर जाने लगे तो रूपेश तिवारी बंटी और सुरेश दौंदेरिया ने उनसे कहा कि वह सब्जी लेने जा रहे है और उन्हें घर छोड़ देंगे। इस पर वह भी अपने घर से थैला उठाकर उनके साथ सब्जी लेने जा पहुंचे। बोले दो माह से सब्जी लेने ही नहीं जा पाया हूं। आज अपने पसंद की सब्जी लाकर बनवाऊंगा।
ढूंढे हरे देशी बैगन
सब्जी लेने पहुंचे सांसद ने तमाम हरी सब्जियां ली। लेकिन उनका मन भरवा के बैगन खाने का था। इसके लिए वह पूरी मंडी में छोटे हरे बैगन तलाशते रहे। हरे बैगन मिलने पर उनका मन खुश हो गया। वहीं उन्होंने मंडी से अचार रखने के लिए दो किलो नींबू और आधा किलो हरी मिर्च भी ली। उनका कहना था कि उनकी पत्नी कमल बहुत अच्छा अचार बनाती है। मंत्री कुमार का कहना था कि टीकमगढ़ जैसी ताजा सब्जी दिल्ली में नहीं मिलती है। वह दिल्ली जाने पर दो-चार दिन की सब्जी भी साथ ले जाते है। उनकी पत्नी हर मौसम का अचार तैयार कर देती है तो वह भी ले जाते है।
हो जाती है प्रत्यक्ष मुलाकात
केन्द्रीय मंत्री होने पर तमाम व्यस्तताओं के बाद सब्जी लेने खुद आने की बात पर मंत्री कुमार का कहना था कि ऐसे में लोगों से प्रत्यक्ष मुलाकात हो जाती है। गांव से आने वाली सब्जी विक्रेताओं से उनकी समस्याओं का पता चल जाता है। साथ ही मन की सब्जी भी मिल जाती है और जमीन से जुड़ाव बना रहता है। बंटी तिवारी ने बताया कि एक बार सांसद कुमार सब्जी लेने आए तो महाराजपुरा की एक सब्जी वाली ने लाइट की समस्या बताई। अगली बार आने पर सांसद ने उनसे पूछा तो पता चला कि समस्या दूर हो गई है। ऐसे में लोगों की समस्याएं भी निराकृत हो जाती है।