देशभर में जारी लाकडाउन में घर लौटे हजारों मजदूरों को मिलेगा काम

वैश्विक महामारी कोविड १९ (कोरोना वायरस) संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए देशभर में जारी लाकडाउन के बाद कई शहरों में वायु प्रदूषण काफी कम हुआ है

<p>Under MNREGA, 53 thousand fruitful plants will be planted in Tikamgarh and Niwari districts</p>
टीकमगढ़ .वैश्विक महामारी कोविड १९ (कोरोना वायरस) संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए देशभर में जारी लाकडाउन के बाद कई शहरों में वायु प्रदूषण काफी कम हुआ है, वहीं नदियों का पानी भी स्वच्छ हुआ है। शासन की योजना यदि मूर्त रूप लेती हैं तो टीकमगढ़-निवाड़ी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में आने वाले दिनों में लाखों की संख्या में पेड़ों की हरियाली आच्छादित नजर आएंगी। सरकार की मंशा जिले के सैकड़ों एकड़ किसानों की जमीन पर मनरेगा के तहत लाखों की संख्या में पेड़ लगाने की है। इससे किसानों को लाभ तो मिलेगा ही, पलायन कर आने वाले हजारों मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मिलेगा।
दरअसल, रोजी रोटी की तलाश में जिले के हजारों मजदूर देशभर में जारी लाकडाउन के कारण बड़े-बड़े शहरों से अब अपने घर को लौटने लगे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार इन मजदूरों के परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया करवा ही रही है वहीं जनधन खातों में पांच सौ-पांच सौ रुपए भी डाले गए हैं। इसी तरह उज्वला योजना के तहत तीन महीने तक रसोई गैस सिलेंडर भी मुफ्त देने का वादा किया है। अब सरकार की मंशा घर लौट चुके हजारों मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया करवाने की है। मजदूरों को यह रोजगार मनरेगा योजना के तहत मिलेंगे। योजना के तहत चयनित किसानों की जमीन पर मनरेगा श्रमिक फलदार पौधे लगाएंगे।
टीकमगढ़ व निवाड़ी जिले में १२५० एकड़ में लगाए जाएंगे फलदार पौधे
शासन की योजना के तहत टीकमगढ़ व निवाड़ी जिले में चयनित किसानों की करीब १२५० एकड़ जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे। 
टीकमगढ़ व निवाड़ी जिले के सभी ब्लाकों में ८५ हेक्टेयर अर्थात २१२ एकड़ जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे। प्रति एकड़ २५० फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इस तरह टीकमगढ़ व निवाड़ी जिलों में १२५० एकड़ जमीन में करीब ५३,००० पौधे लगाए जाएंगे। पौधे भी इस तरह लगाए जाएंगे ताकि उन खेतों में अंतरवर्तीय खेती की जा सके। इन खेतों में अमरूद, नीबू, आंवला, आम जैसे फलदार पौधे लगाए जाएंगे। योजना के तहत इमारती लकड़ी किसानों ेके खेतों में लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए विभागीय स्तर पर रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ छोटे किसानों को दिया जाएगा। दोनों जिलों के सभी सात शासकीय नर्सरियों में पर्याप्त संख्या में फलदार पौध तैयार हैं।
इनका कहना है
इस योजना में ग्राम पंचायत एजेंसी के रूप में काम करेगी। वहीं तकनीकी मागदर्शन उद्यान विभाग करेगा जबकि भौतिक सत्यापन रोजगार सहायक व ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी करेंगे। जिले में अब तक करीब ३५ हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने फलदार पौधे लगवाने की सहमति पत्र विभाग के पास सुपुर्द किया है।
एसएस कुशवाह, सहायक संचालक, उद्यान, टीकमगढ़
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.