एक्सपाइरी तारीख की दे दी दवाएं
पशु पालक का कहना था कि डॉक्टर ने चार बार दवाई की। पहली ९ सितम्बर २०२० की दवा, दूसरी दवाई ३ मार्च २०२०, तीसरी मई २०२० की दवाएं दे दी। गनीमत यह रही कि मोहल्ले के लोगों दवाओं को पढ़कर भैंस के बच्चा को खिलाने से रोक दिया है।
पशु चिकित्सक नंदू पाठक का कहना था कि मैने कोई एक्सपाइरी दवाएं नहीं दी है। पशु पालक ने खुशी से रुपए दिए है। घर पर उपचार करने जाते है तो फीस तो बनती है। विभाग के नियमों के तहत रुपए लिए भी जाते है।